अहमदाबाद: डायरेक्टरेट ऑफ़ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) ने सूरत नहवाशिवा में पकडे गए ड्यूटी ड्रॉ-बैक घोटाले के मामले में दिल्ली और कानपुर में भी खोजबीन की है। विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डीआरआई अधिकारियों को पता चला कि राजीव अग्रवाल ने दो फर्मों के जरिये 9 करोड़ रूपये की ड्रॉ -बैक धोखाधड़ी की।
अग्रवाल ने अलग व्यक्तियों के नाम से चल रही दो फर्मों मोडना क्रिएशन इम्पेक्स और रॉयल इम्पेक्स के जरिये घटिया सामान को ओवर वैल्यू करके एक्सपोर्ट इंसेंटिव की चोरी की। डीआरआई अधिकारियों ने अग्रवाल के आवास पर छपेमारी के साथ साथ दोनों फर्मों के दिल्ली और कानपूर स्थित आवासों पर कई दस्तावेज जब्त किये।
डीआरआई अधिकारियों के अनुसार जाँच के दौरान उन्होंने पाया कि वे सूरत और मुंबई के लोकल मार्किट से खरीदते थे और इस सामान की कीमत कस्टम कागजातों के दिखाई गई कीमत से कई काम होती थी इसी आधार पर नहवासिवा पोर्ट पर इन दो फार्मों के कंटेनरों को जाँच की गई। इस मामले की अभी जाँच की जा रही है, डीआरआई सूत्रों के अनुसार इस ड्रॉ -बैक चोरी की कीमत अभी 9 करोड़ से ऊपर हो सकती है।