बिहार-झारखंड की जीएसटी इंटेलीजेंस यूनिट ने जोधपुर के स्क्रैप व्यापारी को करीब 10.5 करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी के मामले में गिरफ्तार किया है। भीतरी शहर में रहने वाले दिनेश व्यास नाम के इस व्यापारी पर जोधपुर व गांधीधाम में तीन फर्जी फर्म बनाकर फर्जी बिलों से इनपुट टैक्स क्रेडिट उठाने का आरोप है। इंटेलीजेंस की जांच में इन तीनों फर्माें के नाम से पेश हुए बिलों के सामान की सप्लाई कहीं नहीं मिली। यानी न तो स्क्रैप खरीदा गया और न ही उसे किसी को बेचा गया, सिर्फ फर्जी बिल ही काटे गए।
जीएसटी चोरी के मामले में जोधपुर के किसी व्यापारी की यह पहली गिरफ्तारी है। जीएसटी इंटेलीजेंस विंग, जमशेदपुर (झारखंड) के डिप्टी डायरेक्टर गौतम कुमार ने बताया कि मंगलवार शाम को व्यापारी दिनेश व्यास (51) को पकड़ा था। लगभग 10 करोड़ रु. की जीएसटी चोरी के मामले में उसे जमशेदपुर में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। पूछताछ के दौरान वह सामान मंगवाने के बारे में संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। प्रारंभिक जांच से पता चला कि व्यास ने माल या सेवाओं की वास्तविक रसीद / आपूर्ति के बिना नकली चालान बना लिए गए थे। साथ ही व्यास और उसके सहयोगियों ने गलत टैक्स इनपुट क्रेडिट का लाभ भी उठाया। क्रेडिट निर्माता को उत्पादों के निर्माण में इस्तेमाल किए गए इनपुट के लिए इनपुट टैक्स का भुगतान करने के लिए प्राप्त किया गया, इससे सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हुआ।
बोकारो के फर्जी चालान मिले इसलिए पूछताछ करने बुलाया:जीएसटी खुफिया इकाई के सूत्रों ने बताया कि जोधपुर और गांधीधाम (गुजरात) में मैसर्स श्रीमाली इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स वैभव एंटरप्राइजेज जोधपुर और मैसर्स श्रीमाली एलॉय गांधीधाम को मैसर्स सिद्धी विनायक मैटल और साल्ट कंपनी प्राइवेट बोकारो से नकली चालान प्राप्त हुए थे। मैसर्स रिद्धी-सिद्धी एंटरप्राइजेज जयपुर में इनसे कोई सामान या सेवाएं प्राप्त किए बिना ही मिल गए थे। डिप्टी डायरेक्टर गौतम ने बताया कि जमशेदपुर क्षेत्रीय इकाई ने सीजीएसटी अधिनियम 2017 के प्रावधानों के तहत पहली गिरफ्तारी की है। रैकेट में और भी लोग शामिल हो सकते हैं, उनका भी जल्द खुलासा करेंगे।
सौजन्य से: दैनिक भास्कर