मोदी जी जब से प्रधानमंत्री बने है देश में जंग जैसा माहौल है। कभी बॉर्डर पर जंग लड़ते नजर आते है तो कभी देश में ही कपटी लोगों से जंग लड़ते नजर आते है। देश में कितने तरह के माफियां काम कर रहे है। देश की अर्थव्यवस्था के बिल्कुल साथ चल रही इन माफियाओं की अर्थव्यवस्था अब मोदी जी इनके सिस्टम को तोड़ना चाहते है।
पहले नोट बन्दी से तोड़ा कुछ ज्यादा फर्क नहीं पड़ा काम सिर्फ का धीमा हुआ नुकसान किसी का नहीं हुआ। जीएसटी लगाई सही ढ़ंग से लागू नहीं कर पाये लगता है सलाह कुछ ज्यादा ले ली है। लोगों तथा अफसरों के अनुसार 2 स्लैब रखे जाते और इनकम टैक्स खत्म कर दिया जाता। एक ही रिर्टन भरी जाती पूरा देश खुश हो जाता।
ज्यादा पढ़े-लिखें लोगों के साथ कुछ अनुभवी लोगों की भी अगर सलाह ली जाती तो बेहतर नतीजे सामने आते। अभी जिस तरह से लोग आपके काम का विशलेषण कर रहे है कामयाबी कम आंकी जा रही है इंटरनेशनल लेवल पर भारत की बढ़ती साख से तो लोग खुश है। लेकिन धंधें कम होने से लोग परेशान है। दो नम्बरी लोगों का धंधा बंद होगा तो यह लोग क्या करेंगे ?
यही दो नम्बरी का धंधा करने वालों की भारी संख्या में है। यह बेराजगार हो जायेंगें तो देश में अफरा तफरी मच जाएगी यह फिर बड़ा क्राईम करेंगे। किसी सिस्टम को बन्द करने से पहले सोचना चाहिए की यह लोग कहा जायेंगे।
डॉक्टर भी जब नशा छुड़वाता हे तो वह भी कहता है कि धीरे-धीरे छोड़ों नहीं तो नुकसान होगा। खास तौर पर इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट रूल्स में चेंज करने से पहले सौ बार सोचना होगा। आज देश का 80 प्रतिशत बाजार इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट पर चल रहा है।
शराब खाने, होटल , बिल्डर माफिया और भी कई तरह के धंधें इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट से जुड़े हुए है। आपके कई डिपार्टमेंटों की रोटी भी इसी धंधें से चल रही है।
मोदी जी एक यही ऐसा देश है जहां एक रिक्शे वाला भी अपने आप को राजा समझता है। आप इनको राजा ही रहने दो रंक मत बनाओ। सिस्टम को बदलो मगर दूसरी लाईन बिछा कर क्योंकि भारत में कैश सिस्टम कभी खत्म नहीं हो सकता। क्योंकि लोग उन पैसे को अपना समझते है जो उनकी जेब में है बैंक में तो सरप्लस पैसा जमा करवाया जाता है।