Breaking News (Front Page), DRI Alert, Editor View (संपादकीय), Front Page, Import / Export, कस्टम, ख़बरे, ख़बरे (Front Page), ताज़ा खबर (Front Page)
सिलीगुड़ी : नशीले पदार्थों की तस्करी के दो अलग-अलग मामलों में सिलीगुड़ी एनडीपीएस कोर्ट ने बुधवार को चार लोगों को 12 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनायी. इसी के साथ उन चारों पर एक एक लाख रूपये का जुर्माना लगाया गया है. जुर्माने की रकम नहीं चुकाने पर उन उन चारों को कोर्ट ने और एक वर्ष की सजा देने का निर्देश दिया है. वर्ष 2011 में केन्द्रीय राजस्व खुफिया विभाग (डीआरआई) ने इन चारों को हशीश व गांजा की तस्करी मामले में गिरफ्तार किया था.
इस संबंध में डीआरआई के वकील रतन बनिक ने बताया कि गत 13 दिसंबर 2011 को डीआरआई ने भारत-नेपाल सीमांत पानीटंकी संलग्न इलाके से 20 किलो हशीश के साथ मोहम्मद परवेज आलम तथा शेख साबिर को गिरफ्तार किया था. ये दोनों हशीश को नेपाल के काकरभीटा से सिलीगुड़ी ला रहे थे. जिसके बाद उसे कोलकाता होते हुए लंदन में तस्करी करने की योजना थी. इस पूरे तस्करी सिंडिकेट का संचालन शेख शाहरूख कर रहा था. बाद में डीआरआई ने एनजेपी स्टेशन में इस गिरोह के और दो लोगों को दबोचा.
ये दो लोग फिलहाल जलपाईगुड़ी जेल में अपनी सजा काट रहे हैं. आठ सालों तक इस मामले की सुनवाई चली. मंगलवार को तीन लोगों को दोषी करार किया गया. बुधवार मोहम्मद परवेज आलम, शेख साबिर तथा शेख शारूख को एनडीपीएस एक्ट के 20 बीटूसी एनडीपीएस एक्ट के सेक्शन 23 तथा सेक्शन 29 के तहत 12 साल के लिए सश्रम कारावास की सजा व एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया.
वहीं 6 मार्च 2011 को डीआराई ने घोषपुकुर बाइपास इलाके से 17 सौ 50 किलो गांजा के साथ अब्दुल मोजिद सरदार नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था. बताया गया है कि वह एक ट्रक के नीचे वाले चेंबर में उस गांजा को गुवाहाटी से सिलीगुड़ी लाया जा रहा था.
गुप्त सूत्रों से खबर पाकर डीआरआई ने उसे गिरफ्तार कर गांजा को जब्त किया था. इस मामले में 11 लोगों की गवाही के आधार पर कोर्ट ने अब्दुल मोजिद सरदार को 12 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनायी गयी. इसके अलावा एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. जुर्माने की रकम न चुकाने पर और एक वर्ष सजा की घोषणा की गई.
सौजन्य से: प्रभात खबर