डीआरआई ने पकड़ा सोना निकला ताम्बा

अहमदाबाद : पिछले महीने डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) की अहमदाबाद जोनल यूनिट ने जो सोने की पट्टियां जब्त की थीं वे तांबे की निकलीं। सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि एक-एक किलो की सोने की 52 पट्टियां सोना नहीं हैं। दरअसल ये सभी सीसे और तांबे की हैं। दिलचस्प यह है कि तब केंद्रीय एजेंसी ने दावा किया था कि उसने छापेमारी कर 14 करोड़ रुपये के मूल्य के सोने की बड़ी तस्करी रोक दी।gold

डीआरआई ने दिल्ली के सुरेंद्र सिंह डागर(39), गुड़गांव के सौरभ सरजित सहारन (37) के आश्रम रोड स्थित आश्रय इन के कमरा नंबर 207 से कथित सोने को जब्त किया था। इसके बाद दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। बाद में पता चला कि कथित सोने की हर पट्टी का वजन एक-एक किलो है लेकिन इनमें सोना नहीं है। सूत्रों के मुताबिक सरकार ने इस बात की पुष्टि की थी कि इनमें 7.01 करोड़ रुपये के मूल्य का 28.717 किलोग्राम सोना है।

डीआरआई ने कथित सोने को एफएसल के पास शुद्धता की जांच के लिए भेजा था। सूत्रों का कहना है कि जो पट्टियां एफएसल के पास भेजी गईं वे सोना नहीं बल्कि तांबे और सीसे की पट्टियां हैं। इस मामले में डीआरआई अपनी जांच की दिशा बदल सकती है। सूत्रों का कहना है कि सोना है या नहीं अब भी यह पहेली बनी हुई है। आरोपियों के पास जो सामग्री थी वे तस्करी के जरिए इंडिया से बाहर भेजने वाले थे। सूत्रों का कहना है कि यह केस अब भी तस्करी का ही है।
दोनों आरोपियों का दावा है कि इन्होंने पट्टियां ग्राहक के लिए सैंपल के तौर पर दिखाने के लिए रखी थीं। हालांकि इन्वेस्टिगेशन एजेंसी से जुड़े सूत्रों ने कहा, ‘इस पर भरोसा करना मुश्किल है कि कोई 52 पट्टियां सैंपल के तौर पर रखेगा। एक सूत्र ने बाताया कि सुरेंद्र सिंह का भाई पहले से ही जेल में है। उसके पास से अहमदाबाद एयरपोर्ट पर 60 किलो सोना जब्त किया गया था। इन सभी वाकयों में एक गहरी साजिश देखी जा रही है। डीआरआई अधिकारी बुधवार को मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में एफएसएल रिपोर्ट सौंप सकते हैं। इस मामले में अरेस्ट दोनों आरोपी अब भी जेल में ही हैं।
You are Visitor Number:- web site traffic statistics