पटना। मीठापुर से सटे न्यू बाइपास सड़क पर घेराबंदी करके डीआरआई की टीम ने 68 लाख से अधिक कीमत की प्रतिबंधित केटामाइन इंजेक्शन बरामद किए हैं। तस्करों के इंटरनेशनल सिंडिकेट द्वारा नशीले इंजेक्शन का यह कन्साइनमेंट पटना से म्यांमार भेजा जा रहा था। कोलकाता के रास्ते मणिपुर होते हुए इसे सीमा पार कराने की तैयारी थी। इसी क्रम में मीठापुर बस स्टैंड से पटना से कोलकाता जाने वाली बस बंगाल टाइगर में इंजेक्शन की खेप को कोलकाता के लिए बुक कराया गया था।
मुखबिरों के जरिए इसकी भनक मिलते ही हरकत में आई पटना डीआरआई की टीम ने बस खुलने के कुछ ही दूरी बाद बाइपास पर रोक लिया। सूत्रों के मुताबिक तलाशी में बस की छत पर प्लास्टिक के दो सफेद बोरे में रखे कार्टन के अंदर 10 एमएल के 1238 वायल इंजेक्शन मिले। इस दौरान किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी। वैसे डीआरआई की टीम दो संदिग्धों से पूछताछ कर रही है। साथ ही पटना
से जुड़े राहुल अन्य के अलावा तस्करों के नेटवर्क के बारे में पता लगाया जा रहा है। इंजेक्शनके इस कन्साइनमेंट में शामिल इंटरनेशनल सिंडिकेट का सरगना मणिपुर में रह कर स्मगलिंग को आॅपरेट कर रहा है। गिरोह के तार पटना में भी फैले हुए हैं। इस बीच डीआरआई की पूछताछ में बस के बुकिंग एजेंट ने बताया है कि धोखा देकर राहुल कुमार नामक व्यवसायी ने कोलकाता के लिए प्रतिबंधित इंजेक्शन बुकिंग करवाई थी। हालांकि, वह खुद बस में सफर नहीं कर रहा था।
केटामाइनअन्य नशीली दवाओं या इंजेक्शन का इस्तेमाल खासकर रेव पार्टियों में होता है। हाईप्रोफाइल पार्टियों में केटामाइन को कोल्ड ड्रिंक में भी मिला कर लोग पीते हैं। महानगरों से लेकर विदेश तक में इसकी बड़ी डिमांड रहती है।
डीआरआई की आरंभिक तफ्तीश में पता चला है कि केटामाइन का ताजा कन्साइनमेंट उत्तराखंड से पटना लाया गया था। सूत्रों के मुताबिक उत्तराखंड में केटामाइन बनाने की फैक्ट्री है। नियमों के तहत सिर्फ अस्पतालों में ही इसकी सप्लाई की जाती है। बरामद इंजेक्शन के कार्टन पर भी सिर्फ अस्पताल के इस्तेमाल के लिए… लिखा है।
सौजन्य से : प्रभात खबर