जीएसटी से हर वर्ग को लाभ: हसमुख अधिया

Image result for हसमुख अधियारांची। केंद्रीय राजस्व सचिव डॉ हसमुख अधिया के अनुसार जीएसटी लागू होने के बाद बहुत ठगी होगी। व्यापारी ग्राहकों को गुमराह कर सकते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। जीएसटी में कर का निर्धारण उत्पाद शुल्क और वैट को मिलाकर किया गया है। इस मामले में ग्राहकों को जागरूक करना होगा। किसी व्यापारी के अधिक पैसा मांगने पर ग्राहक नहीं दें। व्यापारियों को वस्तु की बिक्री में मिले पैसे पर टैक्स देना है। एमआरपी पर टैक्स नहीं देना है। माल वापस आने के बाद दिखाने पर वसूला गया टैक्स उन्हें मिल जाएगा। अधिया 16 जून को डोरंडा के सेल सभागार में जीएसटी आउटरिच कार्यक्रम में बोल रहे थे। इसका आयोजन केंद्रीय उत्पाद एवं सेवाकर विभाग और वाणिज्यकर विभाग ने संयुक्त रूप से किया था। इसमें राज्य भर से व्यापारी, व्यापार जगत से जुड़े संगठन, सीए और अन्य शामिल हुए।
सचिव ने कहा कि देश में एक ऐसा सुधार होने जा रहा है, जिससे हर वर्ग को फायदा है। आम जनता, व्यापारी, उद्योग, निर्यात करने वाले सभी को। व्यवस्था समझ लें। एक से अधिक टैक्स से टैक्स का बोझ रहता है। अलग-अलग जगह पर तरह-तरह का टैक्स भर रहे हैं। इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलता है। दफ्तरों के चक्कर लगाते हैं। सभी को मिलाकर एक टैक्स करने जा रहे हैं।
आम जनता से जुड़ी 89 वस्तुओं पर टैक्स का बोझ कम होगा। इसका सीधा लाभ ग्राहकों को मिलेगा। चेकपोस्ट हटने से ट्रकों का मूवमेंट जल्द होगा। इससे बहुत फायदा होगा। अभी 35 प्रतिशत समय ट्रकों का बॉर्डर पर चला जाता है। वहीं, व्यापारियों को इनपुट टैक्स क्रेडिट भी मिलेगा। गुड्स वाले को सर्विस में और सर्विस वाले को गुड्स में आईटीसी मिलेगा।
उन्होंने कहा कि बताया जा रहा है कि साल भर में 37 रिटर्न भरना होगा। हर इंवाइस कंप्यूटर पर डालना होगा। यह बात गलत है। छोटे व्यापारियों को अधिक लाभ होगा। सालाना 20 लाख टर्नओवर वालों को रजिस्ट्रेशन नहीं कराना है। वार्षिक 20 से 75 लाख टर्नओवर वालों को एक प्रतिशत टैक्स देना है। इंवाइस का डिटेल नहीं देना है। कंपोजिट वालों को तीन महीने में एक बार रिटर्न भरना है। एमएसएमई को घाटा नहीं होगा। अभी वह 1.50 करोड़ के टर्नओवर पर वैट दे रहे हैं। एक्साइज से छूट है। अब 75 लाख के टर्नओवर वालों को दो प्रतिशत टैक्स देना होगा। अभी वैट आॅनलाइन ही फाइल कर रहे हैं। ऐसे में कौन सा अधिक बोझ आएगा।
अधिया ने कहा कि बी 2 सी के दायरे में करीब 90 प्रतिशत व्यापारी आते हैं। उन्हें महीने में एक बार रिटर्न भरना होगा। उन्हें मात्र टर्नओवर का डिटेल देना है। इस मामले में गुमराह किया जा रहा है। बी 2 बी के दायरे में आने वालों को हर महीने की 10 तारीख तक रिटर्न दाखिल करना है। इसके लिए उन्हें एक सॉफ्टवेयर दिया जाएगा। इसमें सारा कुछ उन्हें लोड करना है। आईटी की तरह जीएसटी में सिस्टम लाने की कोशिश है। पांच प्रतिशत से अधिक स्क्रूटनी नहीं हो। 90 फीसदी आॅटोमेटिक हो जाएगा।

सौजन्य से : दैनिक भास्कर

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