उदयपुर: राष्ट्रीय सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क एवं नार्कोटिक्स अकादमी, फरीदाबाद के तत्वावधान में, प्रस्तावित कर व्यवस्था जी.एस.टी. पर द्वितीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सोमवार से रानी रोड़ स्थित हरिश्चन्द्र माथुर, राजस्थान राज्य लोक प्रशासन संस्थान (ओटीसी) में प्रारंभ हुआ।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ आबकारी आयुक्त श्री ओ.पी. यादव ने किया। श्री यादव ने सभी प्रशिक्षणार्थियों को पूरे देश में एक समान अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था लागू होने के फायदे के साथ नवीन कर व्यवस्था जी.एस.टी. को सही रूप से समझने, जी.एस.टी. अधिनियम का अध्ययन ओर उसके सफल क्रियान्वयन पर कार्य करने की बात कही।
प्रशिक्षण में जी.एस.टी. मॉडल लॉ के प्रावधानों पर विशद रूप से पॉच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड तथा वाणिज्यिक कर विभाग राजस्थान के अधिकारियों को सम्मिलित रूप से दिया जा रहा है। प्रस्तावित कर व्यवस्था जी.एस.टी. के सफल क्रियान्वयन के प्रयासों में केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार के अप्रत्यक्ष कर विभागो के कर्मचारियों को प्रशिक्षित करना एवं उन्हें एक ही मंच पर संयुक्त रूप से प्रशिक्षित करना केन्द्र एवं राज्य सरकार में पारस्परिक समन्वय के लिए आवश्यक एवं सराहनीय प्रयास है।
अतिरिक्त आयुक्त श्री के.सी. शर्मा ने प्रशिक्षण के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आगामी कर व्यवस्था पूर्ण रूप से सूचना एवं प्रौद्योगिकी पर ही केन्द्रित होगी।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के आरंभ में उपायुक्त (प्रशासन), वाणिज्यिक कर उदयपुर, प्रज्ञा केवलरमानी ने जी.एस.टी. अधिनियम में एवं संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिए जा रहे प्रशिक्षण के उद्देश्यों एवं लाभ के बारे में बताया। उद्घाटन के अवसर पर एच.सी.एम. रीपा उदयपुर की अतिरिक्त निदेशक विनीता बोहरा सहित वाणिज्यिक कर एवं सेन्ट्रल एक्साईज विभाग के अधिकारी उपस्थित रहें। समारोह का संचालन सहायक आयुक्त नीतू भारद्वाज तथा आभार सहायक आयुक्त श्री रजनीकांत पंड्या ने व्यक्त किया।
सौजन्य से : डॉट नॉट प्रेसनोट