देश लूट रहा है और नीरो बंसी बजा रहा है
धर्मवीर आनंद
नई दिल्ली : हाई वेल्यू में माल भेजा जा रहा है। वही माल 4 डॉलर में वहीं माल 1 डॉलर में कौन चैक करेगा बाड़ ही खेत को खा रही है जिनको रखवाली के लिए लगाया है वह भी मालई खा रहे है आंकड़े देखो जो माल पकड़ा गया है वही माल तो एक्सपोर्ट किया गया है सूत्र बताते है की जिसने उपर से नीचे तक सबकी जेबे भरी उसका माल तो गया मगर जिसने पैसे नहीं दिए या ज्यादा तोल मोल किया उसका माल पकड़ लिया गया।
सरकारी खजाने को बड़ा चूना लगाया जा रहा है मगर सरकार सो रही है? अफसर कहते है की हमारा कोई कसूर नहीं पॉलिसी ही ऐसी है अफसरों से पूछा जाए की क्या खराब माल भेजने की पॉलिसी है। यह दो नंबरी पैसा कहा लगेगा जरा सरकार सोचे की यही लोग दुबई में होटल बनायेंगे पैसा कमाकर विदेश भाग जायेंगे क्लब तथा बार खोलेंगे गंदगी फैलायेंगे और अफसरों के भ्रष्टाचार का पैसा से फिर आम्रपाली जैसे बिल्डर मैदान में आऐंगे। यह नकली आंकड़ों का खेल कब तक चलेगा? जब पॉलिसी ही बेईमानी करने के लिए बनाई जाये तो पब्लिक और अफसर क्या करे? लोग तो पहले ही ऐसी पॉलिसी ढूंढ़ते रहते है जिससे सरकार को चूना लगाया जा सके।
आज सरकार सोचे की बड़े-बड़े स्कूलों का डोनेशन 20 से 40 लाख रुपए क्यों हो गया है कौन लोग दे रहे है इतना डोनेशन। वेसे तो मोदी सरकार ने दो लाख से ज्यादा कैश लेन देन पर बैन लगा रखा है मगर आज भी इन स्मगलरों की वजह से समान्तर अर्थव्यवस्था चल रही है। कैश लेस की बजाये कार्ड लेस हो रहा है। इंडिया को कौन चला रहा है यह बात रेवेन्यू डिपार्टमेंट के समझ से परे है। कस्टम तथा जीएसटी के 5-5 नामी सुप्रिडेंटों को प्रधानमंत्री का सलाहकार बना दिया जाये और उनको ठेका दे दिया जाये स्मगलिंग रोकने का। 1 महीने में परिंदा भी पर मार जाये तो अखबार बंद कर दूंगा मगर सरकार उपाय ही नहीं करना चाहती।