Jaipur: गोल्ड कीमतों में हो रहे इजाफे ने सोना तस्करों (Gold Smugglers) के हौंसले भी बुलंद कर दिए हैं. जयपुर (Jaipur), चेन्नई (Chennai), बैंगलुरू, कलकत्ता, मुंबई (Mumbai) और दिल्ली सहित इंटरनेशल फ्लाइट संचालन वाले एयरपोर्ट्स पर सोना तस्करी के मामले बढ़ रहे हैं.
आज जयपुर एयरपोर्ट (Jaipur Airport) पर शारजाह (Sharjah) से यात्री को 200 ग्राम तस्करी के सोने के साथ हिरासत में लिया गया है, तस्करी के सोने का अंतराष्ट्रीय बाजार में मूल्य 10 लाख रुपये है.
एयरपोर्ट बन रहे गोल्ड स्मगलिंग का जरिया
- जयपुर, चेन्नई, बैंगलुरू, कलकत्ता, मुंबई
- दिल्ली सहित कई एयरपोर्ट सोना तस्करों की नजर में
- सोना कीमतों में इजाफे के बाद बढ़ गई वारदातें
- कस्टम एयर इंटेलीजेंस विंग का जयपुर एयरपोर्ट पर एक्शन
- शारजाह से आए यात्री से बरामद हुआ 10 लाख रुपये का सोना
- 200 ग्राम सोने की बिस्किट के रूप में की जा रही थी तस्कर
- पकड़े गए यात्री से कस्टम अधिकारी कर रहे हैं पूछताछ
- विभाग अब सरगानाओं को पकड़ने की तैयारी में
गोल्ड स्मग्लर्स की पसंद की जगह बना हुआ जयपुर एयरपोर्ट
जयपुर एयरपोर्ट गोल्ड स्मग्लर्स की पसंद की जगह बना हुआ है. कोरोना महामारी के दौरान संचालित हो रही सीमित अंतराष्ट्रीय फ्लाइट्स के बावजूद सोना तस्करों के हौंसले बुलंद है. अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट के माध्यम से सोना तस्करी की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है. इसको लेकर कस्टम विभाग की एयरइंटेलीजेंस विंग भी सक्रिय है. विदेश से आने वाले सभी संदिग्धों की गहन जांच की जा रही है. आज एयर इंटेलीजेंस विंग ने सोने के दो बिस्किट के साथ तस्कर को गिरफ्तार किया. शारजाह से आए यात्री से बरामद सोने की कीमत 10 लाख रुपये है. कस्टम विभाग मुख्यालय ने मामले को गंभीरता से लिया है, पकड़े गए यात्री से अंतराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय स्मगलर्स की जानकारी जुटाई जा रही है, वहीं स्थानीय स्तर पर किसे गोल्ड की डिलीवरी देनी थी इसकी भी पूछताछ जारी है.

कस्टम विभाग ने बनाया यह प्लान
विभाग सोना कीमतों में इजाफे के बाद सक्रिय तस्करों पर लगाम लगाने की तैयारी में है, इसके लिए एयरपोर्ट पर भी अतिरिक्त सर्तकता बरती जा रही है. चालु कलेंडर वर्ष में 1 करोड़ रुपये से अधिक की सोना तस्करी की वारदातें पकड़ में आ चुकी हैं. विदेश से यहां सोना सप्लाई करने वाले तस्कर केंद्रीय और राज्य की जांच एजेंसियों से दूर हैं.
ऐसे में अब घरेलू खरीददारों को पकड़ने पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है. कस्टम विभाग राजस्व आसूचना निदेशालय, केंद्रीय इंटेलीजेंस विंग की मदद लेकर इस नेक्सस का खुलासा करने की तैयारी में है. मकसद यही है कि तस्करी की जड़ खत्म की जाए. डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यु इंटेलिजेंस, कस्टम विभाग और आयकर विभाग सहित केंद्रीय खुफिया सूचना एंजेसिंयों अब मामले में सक्रिय हैं. स्टेट एजेंसियों का मदद कस्टम विभाग अपने नए प्लान में ले रहा है.
सौजन्य से: जी राजस्थान