नई दिल्ली [ एजेंसी ] । केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में आज जीएसटी काउंसिल की 29वीं बैठक होगी। उम्मीद है कि इस बैठक में पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर चर्चा होगी। अगर ऐसा हुआ तो पेट्रोल और डीजल के दामों में कमी आ सकती है। बैठक में छोटे और मझाेले कारोबारियों के हितों को लेकर भी कुछ अहम फैसले हो सकते हैं। इसके अलावा डिजिटल पेमेंट पर कैशबैक को लेकर भी फैसला संभव है। बता दें कि वित्त मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की यह दूसरी बैठक है।

वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार धीरे-धीरे अब जीएसटी के 28 फीसद के टैक्स स्लैब को खत्म किया जा रहा है। मौजूदा समय में जीएसटी के 28 फीसद स्लैब में 37 वस्तुएं ही बची हैं। इसको भी इस स्लैब से निकाल लिया जाएगा। सीमेंट को 28 फीसद टैक्स स्लैब से बाहर निकालने पर सैद्धांतिक तौर पर सहमति बन चुकी है। अब सरकार यह देख रही है कि जीएसटी टैक्स की स्थिति क्या है। अगर जीएसटी के टैक्स स्लैब को कम किया गया तो इसका टैक्स कलेक्शन पर क्या असर पड़ेगा।
बैठक में हो सकते हैं अहम फैसले
– इस बैठक में आम लोगों के दैनिक उपयोग की चीजों में जैसे बिस्किट, चावल, बर्तन, भुना चना, दलिया पर जीएसटी की दर कम करने पर भी फैसला हो सकता है।
इस बैठक में छोटे-मझोले कारोबारियों को राहत मिल सकती है। बैठक में छोटे कारोबारियों से जुड़ी परेशानियों को दूर करने की कोशिश की जाएगी। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय (एमएसएमई) से इन सेक्टर को बूस्टर पैकेज मिलने की उम्मीद है। साथ ही डिजिटल ट्रांजैक्शन और ई-पेमेंट पर कैशबैक स्कीम पर भी काउंसिल में सहमति बनने के आसार हैं।
– देश में कहीं भी जीएसटी रजिस्ट्रेशन की सुविधा देने, सिंगल जीएसटी आईडी से पूरे देश में कारोबार करने की सुविधा देने, टर्नओवर की सीमा बढ़ाने पर, तिमाही रिटर्न पर हर माह टैक्स भरने से राहत अपील की सुविधा।
पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर भी इस बैठक में चर्चा हो सकती है। अगर ऐसा हुआ तो पेट्रोल और डीजल के दामों में कमी आ सकती है।
– बैठक में एमएसएमई को राहत पर 100 से ज्यादा सिफारिशें राज्यों से मिली हैं। इन सिफारिशों के आधार पर इंटर स्टेट कारोबार पर भी छूट मिल सकती है। अभी इंटर-स्टेट लेनदेन में जीएसटी रजिस्ट्रेशन जरूरी है।
28वीं बैठक में हुए थे कई बड़े फैसले
इसके पूर्व जीएसटी काउंसिल की 28वीं बैठक में कई मुद्दों पर फैसले लिए गए थे। इस बैठक में सैनेटरी नैपकिन को लेकर बड़ा फैसला लिया गया था। 12 फीसद के जीएसटी स्लैब में रखे गए सैनेटरी नैपकिन को कर मुक्त कर दिया गया। वहीं घरेलू उपयोग की 17 वस्तुओं को 28 फीसद जीएसटी स्लैब से हटा दिया गया था। इनमें वॉशिंग मशीन, फ्रिज, टीवी (सिर्फ 25 इंच तक), वीडियो गेम, वैक्यूम क्लीनर, जूस मिक्सर, ग्राइंडर, शावर, हेयर ड्रायर, वॉटर कूलर, लीथियन आयन बैट्री, इलेक्ट्रॉनिक आयरन (प्रेस) जैसे आइटम्स शामिल हैं।
सौजन्य से: जागरण