• कर्म का फल

    कर्म का फल

    एक बार नारदजी भगवन विष्णु के पास पहुचे और बोले , भगवन धरती पर बहुत पाप बढ़ गया है अच्छे लोगों के साथ बुरा और बुरे लोगों के साथ अच्छा हो रहा है ये देख कर मन क्षुब्ध होजाता है. तो भगवन बो...

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  • हनुमान जी की मां से हुई भुल, बन गई अप्सरा से वानरी

    हनुमान जी की मां से हुई भुल, बन गई अप्सरा से वानरी

    एक बार देवराज इंद्र की सभा स्वर्ग में लगी हुई थी। इसमें दुर्वासा ऋषि भी भाग ले रहे थे। जिस समय सभा में विचार-विमर्श चल रहा था उसी समय सभा के मध्य ही ‘पुंजिकस्थली’ नामक इंद्रलोक की अप्सरा बार-बार इधर स...

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  • सत्यमेव जयते

    सत्यमेव जयते

    एक दिन ब्राह्मण ने मार्ग पर चलते हुए एक हीरा पड़ा पाया, जिसकी कीमत एक लाख रुपए थी। वह साधारण रूप से ही हीरे को लिए हुए जा रहा था। कि आगे की ओर से एक जौहरी जगह-जगह भूमि को देखता हुआ आ रहा था। वह विशेष ...

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  • सम्मान

    सम्मान

    बहुत समय पहले की बात है नानक देव के जनेऊ संस्कार का समय आ गया था। उनके पिता ने जनेऊ संस्कार के लिए कुल पुरोहित को बुलाया। जब पुरोहित आए तो नानक देव ने उन्हें प्रणाम किया और पूछाए महाराज आप जो मुझे ये ...

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  • आनन्द की अनुभूति

    आनन्द की अनुभूति

    रामानुजचार्य गुरु शठकोप स्वामी के शिष्य थे एक बार स्वामी जी ने रामानुजचार्य को ईश्वर प्राप्ति का रहस्य बताया लेकिन स्वामी जी ने रामानुजचार्य को यह भी निर्देश दिया की इसे किसी को न बताये। परन्तु ईश्वर ...

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  • धर्म ज्ञान

    धर्म ज्ञान

    महाभारत युद्ध समाप्त हो गया थाद्य धर्मराज युधिष्ठिर एकछत्र सम्राट हो गए थे श्रीकृष्ण की सम्मति से रानी द्रौपदी तथा अपने भाइयों के साथ वे युद्धभूमि में शरशय्या पर पड़े प्राण त्याग के लिए सूर्यदेव के उत्...

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  • पछतावा

    पछतावा

    बाहुत समय पहले की बात है किसी नगर में एक राजा राज्य करता था वह बहुत ही आलसी था वह अपने राजकाज में ज्यादा ध्यान नही देता था। उसे तो सिर्फ अपने मनोरंजन में समय व्यतीत करना अच्छा लगता था और बाकि समय सिर...

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  • कर्ण

    कर्ण

    कर्ण कौरवों की सेना में होते हुए भी महान धर्मनिष्ठ योद्धा थे। भगवान श्रीकृष्ण तक उनकी प्रशंसा करते थे। महाभारत युद्ध में कारण ने अर्जुन को मार गिराने की प्रतिज्ञा की थी। उसे सफल बनाने के लिए खांडव वन ...

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  • संत का मत

    संत का मत

    एक बहुत पुरानी बात है मिस्र देश में एक सूफी संत रहते थे जिनका नाम जुन्नुन था। एक नौजवान ने उनके पास आकर पूछा मुझे समझ में नहीं आता कि आप जैसे लोग सिर्फ एक चोगा ही क्यों पहने रहते हैं। बदलते वक़्त के सा...

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  • प्रवचन

    प्रवचन

    ससार में जितने भी जीव हैं उनके उतने ही विचार हैं। सच्ची बात तो यह है कि एक एक जीव के अनेक अनेक विचार हैं और अपने विचारों के अनुसार ही जीव मोक्ष और बन्धन को प्राप्त होता है। मोक्ष तो तब मिलेगा जब सब वि...

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