नई दिल्ली : उत्पाद एवं सीमा शुल्क विभाग (सीबीईसी की खुफिया एजेंसी डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) के स्थापना दिवस के अवसर पर डलहौजी रोड स्थित डीआरडीओ भवन में सीमा शुल्क अधिकारियों की दो दिवसीय बैठक का आयोजन किया गया। जिसके उद्घाटन के मौके पर वित्त मंत्राी अरुण जेटली मुख्य अथिति के रूप में मौजूद थे।
साथ ही इस अवसर पर डीआरआई के महानिदेशक, नजीब शाह, सीबीईसी के चेयरमैन कौशल श्रीवास्तव, चीफ जस्टिस और एसआईटी वाईस चेयरमैन, अर्जित पसायत, रेवेन्यू सचिव शक्तिकांत दास, और सीबीईसी मेंबर जॉय कुमारी चन्दर, सदस्य सीबीईसी, सीबीडीटी, डीजी, एनएसजी, डीआरआई के वरिष्ठ अधिकारी, उत्पाद एवं सीमाशुल्क विभाग के सेवानिवृत्त अधिकारी, कस्टम और एनफोर्समेंट अधिकारी नेपाल, श्रीलंका, भूटान, को भी आमंत्रिात किया गया था।
इस अवसर पर वित्त मंत्राी अरुण जेटली ने सीमा शुल्क अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि राजस्व चोरी को रोकने के लिए वैश्विक एजेंसियों से तालमेल बनाने की जरूरत है। सीमा पर किसी तरह के अवैध लेन-देन से संबंधित खुफिया सूचनाओं के संकलन एवं उसके विश्लेषण के लिए नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल करें।
उन्होंने खुफिया राजस्व निदेशालय के साथ अन्य खुफिया एजेंसियों (डीआरआई) के अधिकारियों द्वारा सूचनाओं के आदान-प्रदान और अंतिम लक्ष्य पर निशाना लगाने से पहले उसके बारीक विश्लेषण के लिए क्षमता विकसित करने की जरूरतों पर बला दिया।
वित्त मंत्राी श्री जेटली ने आगे कहा कि मुक्त-व्यापार और व्यापार उदारीकरण के दौर में, वैश्विक और अंतरराष्ट्रीय सहयोग और देशों, विशेष रूप से पड़ोसी देशों के बीच, खुफिया सूचनाएं साझा किए जाने की जरूरत है। ताकि सीमा पर सामानों की अवैध गतिविधियों को नियंत्रिात किया जा सके।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों को प्रशिक्षित होने की जरूरत है। ताकि वे बारीक निगाह रख सकें और नवीनतम तकनीक वाले उपकरणों को सक्षम और प्रभावी तरीके से इस्तेमाल कर सकें। ताकि जिन तकनीकों का इस्तेमाल कर चुराने वाले हमेशा कानून की खाई छिद्रों का नाजायज फायदा उठाते हैं, उसके साथ ताल-मेल रख सकें। डीआरआई के महानिदेशक और काले धन की जांच के लिए बनाई गई स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम टीम के सदस्य नजीब शाह ने कहा देश में वित्तीय फ्रॉड को पकड़ने में डीआरआई ने हमेशा सराहनीय भूमिका निभाई है।
शाह ने कहा कि वर्तमान समय में सोने की तस्करी को रोकना डीआरआई के सामने बड़ी चुनौती बनती जा रही है तस्कर नए तरीके अपना रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि सिर्फ गोल्ड की तस्करी ही नहीं बल्कि ड्रग स्मगलिंग, फेक करेंसी (एफआईसीएन), हवाला कारोबार, मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों में भी इजाफा हुआ है और इनको रोकने में डीआरआई बड़ी भूमिका निभा सकती है।
बैठक के दौरान डीआरआई के गौरवपूर्ण उपलब्धियों और चुनौतियों को लेकर एक शार्ट फिल्म भी दिखाई गई। जिसमे डीआरआई द्वारा कठिन परिस्थितों में भी सराहनीय काम करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। बैठक में रेवेन्यू सचिव शक्तिकांत दास, ने कहा कि कस्टम विभाग में जल्द ही कैडर पुनर्गठन और रिक्त स्थानों को भरा जायेगा बैठक के अंत में डॉ. जॉन जोसेफ ने भी सीमाशुल्क विभाग के सभी अधिकारियों को उनके बेहतरीन काम के लिए बधाई दी।