मुंबई : सीजीएसटी के अधिकारियों ने 7 करोड़ रुपये से ज्यादा की कथित टैक्स चोरी के मामले में मुंबई के दो कारोबारियों को गिरफ्तार किया है। पिछले साल 1 जुलाई 2017 को देश भर में सीजीएसटी लागू होने के बाद यह एक बड़ी धरपकड़ मानी जा रही है। रिमांड लेने के लिए उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा।
मुंबई के केंद्रीय जीएसटी आयुक्त डा. केएन राघवन और अतिरिक्त आयुक्त सुश्री मनप्रीत आर्य ने बताया कि उन्हें अपने खुफिया नेटवर्क से यह जानकारी मिली थी कि कुछ मेटल कारोबारी फर्जी इनवॉइस बनाकर गैरकानूनी तरीके से जीएसटी क्रेडिट ले रहे हैं। इस जानकारी के आधार पर उनके विभाग के अधिकारियों ने परेल स्थित ट्रस्ट हाउस में शाह ब्रदर्स इस्पात प्रा. लि. के निदेशक संजीव प्रवीण मेहता और दारूखाना में मैसर्स वीएन इंडस्ट्रीज के निदेशक विनयकुमार डी. आर्य के यहां छापे मारकर जीएसटी की चोरी का भंडाफोड़ किया। इन दोनों पर क्रमश : 5.20 करोड़ और 2.03 करोड़ रुपये की फर्जी क्रेडिट लेने का आरोप है।
सेंट्रल जीएसटी विभाग ने बताया कि ये दोनों फर्म कोई मैन्युफैक्चरिंग नहीं करतीं न ही गुड्स का लेन-देन कर रही थी केवल इनवॉइस ही घुमा रही थी। इस तरह झूठे सौदे दिखाकर लेटर आॅफ क्रेडिट एलसी खोल रही थीं। इसका सीधा मकसद गलत इरादे से सरकारी राजस्व और बैंकों को नुकसान पहुंचाना था। कमिश्नर राघवन के अनुसार इस कथित वंचना की जांच चल रही है। अन्य कंपनियों में भी ऐसे फजीर्वाड़े का पता चल सकता है।
जीएसटी कानून के अनुसार जो कारोबारी बिना सामान या सेवा के या दोनों की सप्लाई के बिना इनवॉइस या बिल इश्यु करता है और इनपुट टैक्स क्रेडिट लेता है तो वह सीजीएसटी ऐक्ट२ 2017 की धारा 132 और 69 के तहत गिरफ्तार किया जा सकता है।