नई दिल्ली: स्विट्जरलैंड से 2014 में भारत को सोने का निर्यात 1.2 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया। यह तब हुआ जब कि यह चिंता बनी हुई है कि सोने के कारोबार को विदेशों में जमा भारतीयों के काले धन को इधर-उधर पहुंचाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
स्विट्जरलैंड सरकार के मुताबिक जनवरी से नवंबर 2014 के 11 माह के बीच उसके यहां से भारत में 11 महीने के दौरान 17.1 अरब स्विस फ्रांक (1.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक) के सोने का आयात हुआ। स्विस सीमा शुल्क प्रशासन के आंकड़े के मुताबिक पिछले साल सिर्फ नवंबर में ही स्विट्जरलैंड से 2.9 अरब स्विस फ्रांक (करीब 20,000 करोड़ रुपये) से अधिक सोने का आयात हुआ। पिछले महीने में भी स्विट्जरलैंड से सोने का आयात इसी स्तर पर बरकरार रहा।
जनवरी – नवंबर 2014 में स्विट्जरलैंड से 457 किलो से अधिक सोना भारत आया और भारत स्विट्जरलैंड के सोने का सबसे बड़ा आयातक बना रहा। भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक सोने का आयात नवंबर में छह गुना बढ़कर 5.61 अरब डॉलर (35,000 करोड़ रुपये से अधिक) हो गया। मांग में बढ़ोतरी की मुख्य वजह नवंबर में शादी तथा त्योहारी मौसम और आयात पर पाबंदियों का हटाया जाना रहा।
अक्टूबर में सोने का आयात एक साल पहले की तुलना में 280 प्रतिशत बढ़कर 4.17 अरब डॉलर और सितंबर में यह बढ़कर 3.75 अरब डॉलर हो गया। आंकड़ों से पता चलता है कि भारत के स्वर्ण आयात में स्विट्जरलैंड से आई खेप का हिस्सा 60 प्रतिशत है। स्विट्जरलैंड सरकार ने 2014 से मासिक तौर पर व्यापार आंकड़ों का प्रकाशन शुरू किया है, जिसमें व्यापार भागीदारों से जुड़ी सूचनाएं शामिल हैं।
2013 तक सोना, चांदी और सिक्कों के आयात-निर्यात संबंधी आंकड़े अलग-अलग तिमाही आधार पर पेश किए जाते थे। ऐसी चिंता जताई जा रही है कि गैरकानूनी धन के प्रवाह पर नियंत्रण की कोशिशें बढ़ाए जाने के बीच सोने के आयात का उपयोग विदेशों में छुपाए गए काले धन को वापस लाने के लिए किया जा रहा है।
स्रोत : नवभारत टाइम्स