सूरत : सैंट्रल जीएसटी विभाग ने 100 करोड़ रुपए से अधिक के गलत क्रेडिट रिफंड मामले ढ़ूढ़ निकाले हैं। विभाग की इस कार्रवाई से गलत रिफंड क्लेम करने वालों में भय फैल गया है। जीएसटी विभाग ऐसे करदाताओं से रिकवरी के साथ कानूनी कार्रवाई के मूड़ में हैं।
जीएसटी की घटती आय से चितिंत सरकार ने देशभर में बड़़ी रकम क्लेम करने वालों की जांच के लिए कमिश्ररेट को निर्देश दिए थे। इसमें गुजरात में 1400 करदाताओं के नाम शामिल थे, जिन्होंने जीएसटी के बाद अंदाजन 1000 करोड़ रुपए के रिफंड का क्लेम किया था। सूरत जीएसटी ने लगभग 250 करदाताओं के अंदाजन 190 करोड़ रुपए के रिफंड की जांच की। विभाग ने कपड़ा , यार्न , केमिकल , दवाई सहित अन्य कई कॉमोडिटी पर ध्यान केंद्रित किया। विभाग ने सबके यहां से स्टॉक पत्र, खरीद-बिक्री के दस्तावेज और अन्य बुक जब्त कर जांच की। जांच के दौरान विभाग ने अबतक 100 करोड़ रुपए से अधिक के गलत क्लेम का खुलासा किया है। फिलहाल जांच चल रही है। यह आंकडा और बढ़ने के आसार हैं। बताया जा रहा है कि जीएसटी विभाग के पास बोर्ड से बड़ी सूची आई है इस सूची में गलत क्रेडिट क्लैम करने वालों के नाम है साथ ही इनकी जांच के लिए भी निर्देश दिए गए हैं। एसजीएसटी और सीजीएसटी दोनों विभाग मिलकर बड़ी रकम क्रेडिट क्लैम करने वालों की जांच कर रहे है।
उल्लेखनीय है कि सीजीएसटी के साथा अब राज्य जीएसटी विभाग ने भी गलत क्रेडिट क्लैम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। पिछले दिनों विभाग ने बड़े पैमाने पर कार्रवाई करते हुए लाखों रुपए की रिकवरी की। और आगामी दिनों में बड़े पैमाने पर डीआरआई के वकील रतन बनिक ने आदालत परिसर में पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में कहार कि नीतीश देवनाथ, प्रदीप देवनाथ एवं रुपम सेन तीनों पेशेवर तस्कर है। इससे पहले भी पीली धातु की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किए गए थे।