जयपुर : नवलगढ़ के नवीन रोलन के दो किलो सोने के साथ जयपुर एयरपोर्ट पर पकड़े जाने के बाद तो सामने आया कि तस्कर उन बेरोजगार युवाओं को निशाना बनाते हैं जिनको घूमने का शौक हो शॉर्टकट से रुपया कमाना चाहते हैं।
तस्कर उन्हें आने-जाने का टिकट और विजिट वीजा 10 से 20 हजार रुपए तक देते हैं। हर बार माल लाने के लिए नए युवक को कुरियर के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।
मिली जानकारी के मुताबिक भारी मात्राा में सोने की तस्करी करने वाले अधिकतर स्मगलर नवलगढ़, फतेहपुर, रामगढ़, सीकर और नागौर इलाके के होते हैं।
जयपुर एयरपोर्ट पर नवीन रोलन के पकड़े जाने के बाद कस्टम विभाग की टीम नवलगढ़ पहुंची। टीम ने नवीन के घर पर दबिश दी तथा परिजनों से पूछताछ भी की। टीम ने वार्ड 21 की गिरधारीवाली ढाणी में भी पूछताछ की। युवक की गिरफ्तारी के बाद तस्करी करने वाले गिरोह में खलबली मची है। कुछ तस्कर तो घर से गायब हो गए हैं।
अभी तक इस बात का खुलासा नहीं हुआ है पकड़ा गया सोना किस गिरोह का है। युवक नवीन रोलन कस्बे के जैपुरिया स्कूल के पास रहने वाला है और एमए की तैयारी कर रहा है। एक कंप्यूटर की दुकान पर भी काम करने के साथ ही वह तस्करों के गिरोह में कुरियर के तौर भी पर काम कर रहा था।
सबसे ज्यादा सोना दुबई से ही तस्करी कर लाया जाता है। एक किलो सोना लाकर बेचने पर सारा खर्चा काटकर करीब एक से डेढ़ लाख रुपए बच जाते हैं।
हालांकि जयपुर एयरपोर्ट पर जांच पड़ताल अधिक होने के कारण तस्कर अब दिल्ली एयरपोर्ट पर ज्यादा सक्रिय होने लगे हैं। सोने की स्मगलिंग करने वाले ज्यादातर लोग शेखावाटी इलाके के होते हैं। शेखावाटी का ज्यादातर मजदूर तबका खाड़ी देशों में रोजगार के लिए रहता है।
असल में ये तस्कर इस बात का भी फायदा उठाते हैं और इनको घर वापसी के वक्त लालच दिया जाता है, जिसमें रिटर्न टिकट और कुछ पैसा जो लगभग 10 से 20 हजार रुपए तक होता है। तस्कर लोग इन लोगों के साथ सोना भेजता है।
सोने की तस्करी का मास्टर माइंड डूंडलोद निवासी प्रवीण सैनी था, जो पांच साल की सजा काट रहा है। प्रवीण तस्करी के लिए स्थानीय बेरोजगारों को कुरियर का काम करने के लिए तैयार कर अरब देशों में भिजवाता।
कुरियर अपने साथ लाया सोना जयपुर एयरपोर्ट पर एयर इंडिया के सुपरवाइजर समीर निगम को देता था। निगम सोने को एयरपोर्ट से बाहर निकाल कर लेखराज को सौंपता। लेखराज यह सोना प्रवीण को दे देता था। इसके बाद प्रवीण इसे स्थानीय व्यापारियों को सौंप देता। प्रवीण के लिए काम करने वाले सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ से गोविंद कुमार को भी गिरफ्तार किया गया था।
प्रवीण सोना तस्करी करने वाले दूसरे गिरोहों के लिए जयपुर एयरपोर्ट से माल बाहर निकलवाने काम भी करता था। एयरपोर्ट से सोना बाहर निकालने की एवज दूसरे गिरोह वाले प्रवीण को एक लाख रुपए प्रति किलोग्राम की दर से भुगतान किया करते थे। सोने की तस्करी करने वाले गिरोह के लोग प्रवीण की गिरफ्तारी के बाद कमजोर पड़ गए हैं, क्योकि पहले प्रवीण पूरी सेटिंग करता था।