सैंट्रल एक्साइज विभाग के 10 अधिकारियों की प्रोमोशन रद्द

Image result for सैंट्रल बोर्ड आॅफ एक्साइज एंड कस्टमचंडीगढ। सैंट्रल बोर्ड आॅफ एक्साइज एंड कस्टम के 10 अधिकारियों को रिजर्वेशन के आधार पर मिली प्रोमोशन कैट की डबल बैंच के जस्टिस एमएस सुल्लर और प्रशासनिक सदस्य पी गोपीनाथ ने रद्द कर दी है। ट्रिब्यूनल ने प्रतिवादी पार्टी बनाए गए 10 अधिकारियों की प्रोमोशन के आदेश पलटते हुए संबंधित अथॉरिटी को 3 माह में नियमानुसार नई सीनियोरिटी लिस्ट बनाने के आदेश दिए हैं। विभाग के एक सामान्य वर्ग के अधिकारी द्वारा दायर याचिका मंजूर करते हुए ट्रिब्यूनल ने रिजर्वेशन के आधार पर मिली प्रोमोशन को अवैध पाया।
उल्लेखनीय है कि लुधियाना स्थित कमिश्नर आॅफ कस्टम में बतौर सुपरिंटैंडैंट आॅफ कस्टम तैनात महेशइंद्र सिंह ने याचिका दायर की थी। इसमें 16 प्रतिवादियों में से 10 विभाग के अधिकारीध्कर्मचारी थे। याचिका के अनुसार सभी 10 कर्मियों को विभाग ने गलत तरीके से प्रोमोशन दी थी।
याचिका के अनुसार संबंधित अथॉरिटी ने नियमों की अनदेखी कर ढींडसा से जूनियर्स को सुपरिंटैंडैंट आॅफ कस्टम के पद से असिस्टैंट कमिश्नर आॅफ कस्टम एंड सैंट्रल एक्साइज पद पर रिजर्वेशन के आधार पर प्रोमोशन दे दी। ढींडसा के अनुसार सभी 10 अधिकारियों की प्रोमोशन में सुप्रीम कोर्ट के नियमों की अनदेखी की गई है।
रिकार्ड के अनुसार याचिकाकर्ता और प्रतिवादी पक्ष के सभी 10 कर्मियों ने 1992 में प्रिवैंटिव आॅफिसर कस्टम के तौर पर ज्वाइन किया था। प्रतिवादी पक्ष के सभी 10 अधिकारियों को 17 अक्तूबर 2002 में सुपरिंटैंडैंट आॅफ कस्टम के पद पर प्रोमोट कर दिया गया। वहीं याचिकाकर्ता जो उनसे सीनियर था उसे सामान्य वर्ग से होने पर मई 2013 में प्रोमोट किया गया।

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