नई दिल्ली : सरकारी सेवाओं पर लगने वाले सेवा कर से सरकार ने आम आदमी को बाहर रखने का फैसला किया है। हालांकि, कारोबारी संस्थाओं को सरकार से मिलने वाली विभिन्न सेवाओं पर सेवा कर का नियम लागू रहेगा। ऐसा होने के बाद अब आम आदमी को पासपोर्ट, वीजा, ड्राइविंग लाइसेंस, जन्म-मृत्यु पंजीकरण आदि पर सेवा कर नहीं देना होगा। वित्त मंत्रालय ने 14 अप्रैल को अधिसूचना जारी कर इसे तत्काल प्रभाव से मान्य भी कर दिया है।
पहले इस बात पर विचार किया गया था कि सरकारी सेवाओं में पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस आदि को सेवा कर के दायरे में शामिल कर लिया जाए। लेकिन आम जनता के हितों को देखते हुए आखिर में इन सेवाओं को सेवा कर से बाहर रखने का निर्णय लिया गया।
जहां तक कारोबारी वर्ग को सरकार और स्थानीय प्रशासन से मिलने वाली सेवाओं का प्रश्न है, उन पर सेवा कर का नियम लागू रहेगा। अलबत्ता इस मसले पर पुनर्विचार के बाद सरकार ने बीते वित्त वर्ष में 10 लाख रुपये तक के सालाना टर्नओवर वाले कारोबारियों को इसके दायरे से बाहर कर दिया है। सरकार का मानना है कि इससे छोटे कारोबारियों को अपना व्यवसाय आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
सरकारी विभाग या स्थानीय प्रशासन की तरफ से जनता को उपलब्ध सेवाओं पर सेवा कर नहीं लिया जाएगा। स्थानीय प्रशासन अथवा सरकार की तरफ से उपलब्ध उन सेवाओं पर भी सेवा कर नहीं लगेगा, जिनमें शुल्क की राशि पांच हजार रुपये से कम होगी। यदि इस प्रकार की सेवाएं पूरे साल प्राप्त की जाती हैं, तो सेवा कर की छूट तभी मिलेगी, जब सालाना शुल्क राशि पांच हजार रुपये से कम होगी। सभी तरह के कर भुगतान, सेस और शुल्क को सेवा कर से बाहर रखा गया है। जुर्माना, दंड आदि के भुगतान पर भी सेवा कर मान्य नहीं होगा।