नई दिल्ली : निजी कंपनियों को सर्विस टैक्स रजिस्ट्रेशन के लिए ई-मेल और मोबाइल नंबर के अलावा अब परमानेंट अकाउंट नंबर (पैन) भी अनिवार्य रूप से देना होगा। वित्त मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, ‘सरकारी विभाग के अलावा सर्विस टैक्स के आवदेकों का रजिस्ट्रेशन बिना पैन के नहीं दी जाएगी।
रजिस्ट्रेशन में प्रोपराइटर का पैन नंबर की जरूरत अनिवार्य होगी या जो कानूनी इकाई पंजीकृत होनी है तो उसका उल्लेख आवेदन पत्र में होना चाहिए। सरकारी विभागों पर यह नियम लागू नहीं होगा।
इस महीने से लागू होने वाले सर्विस टैक्स रजिस्ट्रेशन के ऑर्डर में कहा गया है, ‘सरकारी विभागों को छोड़ कर दूसरे मौजूदा आवेदक जिनके पास पैन नहीं है, वे पैन प्राप्त करने के बाद अस्थाई रजिस्ट्रेशन को पैन-आधारित रजिस्ट्रेशन में बदलने के लिए इस आदेश के तीन महीने के भीतर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।’
अगर इस आदेश का पालन नहीं किया गया तो फर्म का अस्थाई रजिस्ट्रेशन रद्द हो जाएगा। ऑर्डर में कहा गया है, ‘एसेसी को रजिस्ट्रेशन रद्द करने के प्रस्ताव से पहले अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाएगा और उस पर विचार किया जाएगा।’
सर्विस टैक्स के आवेदकों को आवेदन फॉर्म में निर्दिष्ट जगहों पर ई-मेल एड्रेस और मोबाइल नंबर का उल्लेख करना चाहिए ताकि विभाग से संपर्क बना रहे। ऑर्डर में कहा गया है, ‘मौजूदा आवेदक, जिन्होंने ये सूचनाएं नहीं दी हैं वे संशेधित आवेदन 30 मार्च 2015 तक कर सकते हैं।