सरकारी रेवेन्यू से ज्यादा रिश्वत का पैसा इकट्ठा करते है भ्रष्ट अफसर

सीजीएसटी कमिश्नर संसार चंद पकड़ा गया रिश्वत के खेल में। करोड़ों की संपत्ति रिश्वत के खेल में इकट्ठी की गई थी कई सुिप्रडेंट भी पकड़े गए। सरकारी सरकारी खजाने की किस तरह से बंदरबांट हो रही थी खजाने में पैसा कम जेबों में ज्यादा जा रहा था। लानत है संसार चंद और उसका साथ देने वालों अफसरों पर। इसी तरह आंध्र प्रदेश के कमिश्नर प्रसाद को पकड़ा गया है। 200 करोड़ के लगभग माल इकट्ठा कर लिया गया था। कितने रिश्वतखोर अफसर भरे पड़े है सरकारी डिपार्टमेंटों में। पहले भी कई बड़े अफसर आ चूके है शिकंजे में मोदी सरकार की यह बहुत बड़ी उपलब्धि है कि कमिश्नर लेवल पर बड़े रिश्वतखोर अफसरों को पकड़ा जा रहा है। आज से पहले कितनी सरकारें आई मगर छोटे अफसरों को ही सस्पेंड़ करती थी। करप्शन हमेशा बड़े अफसरों से शुरू होता है ना कि छोटे अफसरों से। जब नेता और बड़े अफसर भ्रष्ट होते है। तभी नीचे वाले अफसर भी उनकी देखा देखी करते है। दिल्ली में तथा दिल्ली के आस-पास तो ऐसे बड़े अफसर तैनात नहीं है जो इतनी मोटी रिश्वत का खेल खेल रहे हो। मगर सूत्रों के अनुसार मुंबई, चैन्नई तथा गुजरात में ऐसे बहुत बड़े अफसर तथा छोटे अफसर है जहां रिश्वत का भारी खेल होता है माफिया पूरी तरह से हावी है। सूत्र बताते है कि एक्सरे मशीन में गलत माल साफ नजर आ जाए पर आॅर्डर नहीं है अफसर की उनको पकड़ा सके। एक माफिया के डर से फिक्स फीस मिलती रहती है। और कंटेनर क्लीयर कर दिया जाता है। जितना सोना पकड़ा भी जाता है सब सेटिंग और चोरी छिपे निकाल दिया जाता है। स्मगलरों का 20 प्रतिशत सोना भी अगर पकड़ा जाये तो सोने की स्मगलिंग बंद हो जाएगी महंगा पड़ेगा स्मगलिंग करना । इसका मतलब की 10 प्रतिशत भी नहीं पकड़ा जाता कारण है रिश्वतखोर बड़े अफसर जो अपने पदों पर रहकर खुला खेल खेलते है मोदी जी आज बेनामी सम्पत्ति को घेरने की मुहिम शुरू करे तो शिवपुरी के जंगल तक के पेपर मिल जायेंगे जहां पानी तक नहीं होता मगर इन भष्ट अफसरों ने जगह खरीद रखी है सुना है कि पुणे की एम्बी वैली नहीं बिक रही। सरकार पैसा न पूछने की छूट दे दे की जो खरीदेगा पैसा नहीं पूछा जाएगा कहां से आया है तो आप हैरान हो जाओगे की कितने खरीदार आते है नेता या अफसर ही खरीद लेंगे ऐसी 10 एम्बी वैली को। दिल्ली के उन स्मगलरों की जांच हो जिन्होनें पिछले 5 सालों में जैगुआर जैसी गाड़ियां अपनी बेटियों को दहेज मे दी थी। एक क्योंकि अगर एक गाड़ी दी है तो कितने करोड़ लगाए होंगे। मोदी जी को पता होना चाहिए की आज दिल्ली में ऐसे कितने फार्म हाउस है जहां शादी करने का एक करोड़ लगता है 50 लाख किराये में लिया जाता है और 50 लाख के करीब खाने और सजाने का खर्च होता है। यहां पर भी बुकिंग की मार रहती है। सरकार को टैक्स की भारी चोरी होती है। अफसरों को महीना जाता है कोई जांच नहीं करता की व्हाईट में पैसा कहां से आता है कहने का मतलब सिर्फ इतना है कि जितना सरकार के पास रेवेन्यू जाता है उससे कई गुना ज्यादा तो रिश्वत की ब्लैक मनी बाजार में इकट्ठा हो जाता है।

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