विदेशी कुत्तों की तस्करी को लेकर कस्टम विभाग सख्त

नई दिल्ली। अगर आप पूर्वी यूरोप या रूस से आने पर आईजीआई एयरपोर्ट आपका सामान चेक-इन से बाहर आने में ज्यादा समय लगे तो परेशान ना हों। क्योंकि कस्टम अधिकारी आपके बैग को स्कैन कर सकते हैं। बैग को स्कैन करने की असल वजह है कुत्तों की तस्करी। दरअसल कुत्तों को भरकर तस्करी करने की कोशिश करने वाले कुछ यात्रियों के मामले कुछ वक्त में ज्यादा सामने आए हैं। सूत्रों के मुताबिक, कुत्तों को बेहोश करके बैग में डाल दिया जाता है। स्कैनिंग के दौरान पता नहीं चले इसके लिए कभी कभी उन्हें कपड़ों और अन्य वस्तुओं के बीच में ढंकना पड़ता है। ये वास्तव में बहुत ही दर्दनाक है।
पिछले साल कस्टम अधिकारी कई ऐसे यात्रियों को रोकने में कामयाब रहे जो प्रेग्नैंट कुत्तों की तस्करी करने की कोशिश कर रहे थे। सूत्रों के मुताबिक ये कुत्ते विदेशी नस्ल के थे और लोकल मार्केट में इनको अच्छे दामों में बेचा जाता है। प्लेन के उड़ान भरने के बाद एक यात्री के हैंडबैग में कुत्ते के मिलने के बाद अधिकारियों ने बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि तस्करी करने की कोशिश बंद हो गई होगी लेकिन नए मामले के सामने आने के बाद से इस साल ये फिर से शुरू हो गया है।
सूत्र ने कहा कि हम रुस और पूर्वी यूरोप से आने वाले फ्लाइट्स पर कड़ी नजर रख रहे हैं। उन्होने कहा कि संगठित सिंडिकेट तस्करी का प्रयास लगातार कर रहें हैं लेकिन कस्टम अधिकारी इसे विफल करने में सक्षम हैं। कस्टम सूत्र के मुताबिक डॉग फाइट्स के लिए कई अन्य नस्लों के कुत्तों की तस्करी करने के प्रयास किए गए हैं, जो पंजाब के कुछ हिस्सों में और राजधानी के कुछ फार्म हाउस में लोकप्रिय हैं।
उन्होंने कहा कि जांच की जा रही है और कुछ एजेंसियों को भी इसका पता लगाने के लिए शामिल किया गया है। रेवेन्यू डिपार्टमेंट के सीनियर अधिकारियों ने कहा कि वे सभी मामलों की जांच कर रहे हैं और इस तस्करी रैकेट से जुड़े सभी लोगों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।

सौजन्य से : पीटीआई

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