नई दिल्ली : अब अधिकारी अपने मातहत काम करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों को दर्ज करने में कोताही नहीं बरत सकेगे। केंद्र ने इस पर सख्त रूख अपनातें हुए नियमों का कड़ाई से पालने करने को कहा है। इसके मुताबिक वरिष्ठ अधिकरी अपने अधीनस्थों के बारे में कथित भ्रष्टाचार की घटनाएं दर्ज करने के लिए एक गोपनीय डायरी रखेंगे, जिसमें उन पर की गई कार्यवाई का ब्यौरा भी रखा जाएगा।
कार्मिक एंव प्रशिक्षण विभाग (डीआपीटी) ने मंगलवार को कहा, यह भी देखा गया है कि अधीनस्थ अधिकारी की निष्ठा के संदेह के मामले में एपीएआर में निष्ठा वाला खाना (कॉलम) भरने में निर्धारित प्रक्रिया का पालन उचित रूप में किया जाता। करीब 43 साल पहले इस बाबत जारी अपने निर्देश को दोहराते हुए डीओपीटी ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों को एक गोपनिय डायरी रखना चाहिए। इसमें समय-समय पर ऐसे मामलो को दर्ज किया जाना चाहिए जो किसी अधीनस्थ की निष्ठा पर संदेह पैदा करने से जुड़े हों।
विभाग ने कहा कि ऐसे संदेह की सच्चाई परखने के लिए तेजी से कदम भी उठाने चाहिए। ऐसा करने के लिए विभागीय तौर पर गोपनीय जांच करना चाहिए या मामले को विशेष पुलिस प्रतिष्ठान (सीबीआई या लोका युक्त) के हवाले कर देना चाहिए।
सौजन्य से- हिन्दुस्तान