प्रधानमंत्री ने इनकम टैक्स और कस्टम एण्ड सेंट्रल एक्साइज के अधिकारियों की संयुक्त बैठक ‘राजस्व ज्ञान संगम’ को संबोधित किया

10 करोड़ लोग कर दायरे में लाए जाएं, करदाता के मन का भय दूर करेंगे अफसर

– आम लोगों में टैक्स को लेकर व्याप्त डर को खत्म करना प्रथम प्राथमिकता।
– टैक्स की अदायगी को सरलतम बनाना।
– टैक्स को लेकर फैले भ्रम को खत्म करना।
– टैक्स को लेकर आ रहीं शिकायतों को निम्नतम करना।
– कॉरपोरेट टैक्स रेट और छूट को कम करना।
– कालेधन से देश को नुकसान पहुंचाने वालों पर सख्ती की तैयारी करना।

नई दिल्ली : प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी ने कर प्रशासन को करदाताओं के अनुकूल सहज बनाने और कर चोरी रोकने की पुख्ता व्यवस्था करने के लिए टैक्स अधिकारियों को पांच-सूत्राीय मंत्रा दिया है।
प्रधानमंत्राी ने टैक्स अधिकारियों को आयकरदाताओं की संख्या दोगुनी यानी दस करोड़ करने को भी कहा है। इसके अलावा पीएम ने टैक्स अधिकारियों को लोगों के मन से आयकर विभाग का भय दूर करने का आवान भी किया है। प्रधानमंत्राी ने यहां आयकर और परोक्ष कर के शीर्ष अधिकारियों को संबोधित करते हुए कही। यह पहला मौका है जब प्रधानमंत्राी ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) और केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) के अधिकारियों की संयुक्त बैठक ‘राजस्व ज्ञान संगम’ को संबोधित किया है।
खास बात यह है कि पीएम ने न सिर्फ टैक्स अधिकारियों की इस शीर्ष बैठक को संबोधित किया बल्कि 15 अधिकारियों ने पीएम के समक्ष अपने सुझाव भी रखे। पीएम ने अधिकारियों से साफ कहा कि वे दो दिन तक चलने वाले ‘राजस्व ज्ञान संगम’ में निकलने वाले निष्कर्षो को ‘कर्म संगम’ के रूप में लागू करें। पीएम ने कहा कि टैक्स अधिकारियों को आने वाले दिनों में आयकरदाताओं की संख्या बढ़ाकर 10 करोड़ करनी चाहिए। फिलहाल आयकरदाताओं की संख्या 5.43 करोड़ है। साथ ही उन्होंने करदाताओं और टैक्स विभाग के बीच विश्वास के अभाव को दूर करने की जरूरत पर भी बल दिया। ‘राजस्व ज्ञानसंगम’ में पीएम के संबोधन के बारे में जानकारी देते हुए राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि पीएम के अनुसार 92 प्रतिशत आयकर राजस्व का भुगतान करदाताओं द्वारा स्वत: ही किया जाता है। जबकि आयकर विभाग में 42000 कर्मचारी होने के बाद भी मात्रा आठ प्रतिशत राजस्व ही जांच और छानबीन से वसूल होता है। इसका मतलब है कि अधिकांश लोग स्वत: ही टैक्स का भुगतान करते हैं।
अधिया ने कहा कि पीएम ने एक करोड़ लोगों के गैस सब्सिडी छोड़ने का उदाहरण देते हुए कहा कि लोग ईमानदार हैं। वे खुद कर भुगतान करेंगे। टैक्स अधिकारियों को उनके अनुकूल व्यवस्था बनानी चाहिए। पीएम ने कर व्यवस्था में खामियों की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि अगर गूगल पर सर्च करें कि भारत में टैक्स का भुगतान कैसे करें तो इसके सात करोड़ परिणाम सामने आते हैं। वहीं अगर यह सर्च करें कि भारत में टैक्स कैसे न चुकाएं तो इसके 12 करोड़ नतीजे दिखाई पड़ते हैं। इससे पता चलता है कि कर व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है। बैठक में टैक्स अधिकारियों ने प्रधानमंत्राी को सुझाव भी दिए।

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