पछतावा

Image result for पछतावाबाहुत समय पहले की बात है किसी नगर में एक राजा राज्य करता था वह बहुत ही आलसी था वह अपने राजकाज में ज्यादा ध्यान नही देता था।
उसे तो सिर्फ अपने मनोरंजन में समय व्यतीत करना अच्छा लगता था और बाकि समय सिर्फ सोने में ही व्यतीत करता था जिससे उसकी जनता और सिपाही सभी परेशान और चिंतित रहते थे।
कई बार उसके मंत्रियो ने उसे समझने की कोशिश भी किये लेकिन वह आगे सब करेगा ऐसा कहकर हर बातो को टाल देता था। और फिर जब उसके मंत्री उसके किये गए वादों को याद दिलाते तो फिर से आगे के लिए टाल देता था।
वक्त ऐसे ही बीतता जा रहा था उस राज्य के किले की दीवारे अत्यंत जर्जर हो चुकी थी और कभी भी कोई दुश्मन उस राज्य पर आक्रमण कर सकता था। सबने किले की मरमत के लिए कई बार राजा से गुहार लगायी लेकिन आलसी राजा को तो सिर्फ अपने भोग विलास में ही मस्त था उसे तो अपने राज्य की तनिक भी चिंता न थी।
वह हर बार की तरह इस बार भी कहकर किले की मरमत की बात को टाल दिया की वह जल्द ही इसके बारे में सोचेगा और फिर किले की मरमत करवाएगा।
उस राजा के इस आलसीपन के चर्चे दूर दूर राज्यो तक फैल चुके थे जब पडोसी राज्यो को किले पुराने हो जाने का पता चला तो उसके दुश्मन राज्य ने उस आलसी राजा के राज्य पर आक्रमण करने का मन बना लिए।
और मौका देखकर उसके दुश्मनो ने उसके राज्य पर हमला कर दिया
लेकिन आलसी राजा को अब भी कोई सुध नहीं थी वह अपने सैनिको को दुश्मनो का सामना करने के लिए भेजकर वह अपने मनोरंजन में व्यस्त रहा लेकिन जल्द ही उसके सारे सैनिक पराजित हो गए और फिर दुश्मनो ने उसके राज्य के किले को तोड़कर उस पर कब्जा कर लिया और उस आलसी राजा को बन्दी बना लिया।
इतना सबकुछ होने के बाद भी उस आलसी राजा को थोड़ा सा भी गम न था और जब उसके दुश्मनो ने उसको उसके जनता के सामने खड़ा किया तो किसी भी जनता ने उसका साथ नहीं दिया।
और सबने यही कहा की आलसी राजा के छत्र छाया में रहने से अच्छा है की दुश्मनो के राज्य में ही जीवन बिताये इतना सब बाते सुनकर अब उस आलसी राजा को पछतावा हो रहा था की काश वह समय का महत्व समझकर अपने राज्य पर ध्यान दिया होता और राज्य के हित के लिए काम किया होता तो शायद ये दिन नहीं देखना पड़ता।
लेकिन अब पछताने से भी क्या फायदा जब उसने समय का महत्व समझा ही नही तो उसका कोई साथ नही दे सकता है।
हमारी जिंदगी में ऐसे तमाम ऐसे
अवसर आते है ।
जिस समय हमे उस काम को करे तो हमारा भविष्य अच्छा हो सकता है लेकिन अपने आलसीपन के कारण हम लोग हर काम को कल के लिए टालते रहते है। जिससे फिर हमे वो काम करने को मौका ही नहीं मिलता है और हमे अंत में सिर्फ पछतावा ही हासिल होता है।
इसलिए दोस्तों हमे समय को बिना गवाये तुरन्त समय का महत्व समझते हुए अपने पास आये अवसर को तुरन्त लाभ उठाना चाहिए और अपने काम को जी जान से उसे उसी वक्त खत्म करना चाहिए।

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