नेपाली नोट के साथ एसएसबी ने फौजी के भाई को पकड़ा

Image result for nepali noteसिद्धार्थनगर : अलीगढ़वा बार्डर पर एसएसबी ने एक व्यक्ति को 1.66 लाख नेपाली नोट के साथ पकड़ा। वह यहां एटीएम से रुपया निकालने आया था। आरोपित का नाम विष्णु प्रसाद पौडेल पुत्र जीवराज पौडेल निवासी ग्राम पलिया, पोस्ट सहनामा, नगरपालिका सालझंडी जिला रूपनदेही नेपाल है। उसके पास से एक नेपाली नंबर प्लेट की बाइक भी मिली है। एसएसबी उसे कस्टम को सौंप दिया है। आरोपित के दो भाई भारतीय सेना में हैं। उसके मुताबिक वह यहां अपने व भाइयों के एटीएम से रुपया निकालने आया था। एसएसबी से इसके लिए अनुमति भी ली थी, पर उसके साथ धोखा हुआ।

 

शुक्रवार को दोपहर करीब 12 बजे एसएसबी जवानों ने विष्णु पौडेल को अलीगढ़वा बार्डर के पास पकड़ा। तलाशी के दौरान उसके पास से 1.66 लाख रुपये बरामद हुए। एसएसबी जवानों ने उसे पकड़ कर कस्टम कार्यालय ककरहवा के सुपुर्द कर दिया। कस्टम ने रुपया व बाइक जमा कर लिया। मामले की जांच जारी है। शनिवार को विष्णु को इससे मुक्ति मिली तो उसने इसकी जानकारी भारतीय क्षेत्र के लोगों को दी।

भारतीय सेना में तैनात हैं विष्णु के भाई

विष्णु के मुताबिक उसके दो भाई भारतीय सेना में तैनात हैं। गुरुवार को वह अलीगढ़वा में एसएसबी जवानों से पूछकर भारतीय क्षेत्र में आया। उन्हें भाइयों के विषय में जानकारी दी। रुपया निकालने के विषय में भी बताया। बर्डपुर स्थित एक एटीएम से 97500 रुपये निकाला और अलिगढ़वा कस्बे में रुपये को नेपाली मुद्रा में बदल लिया। एसएसबी के पास जाकर खुद से ही अपना रुपया चेक करवाया। इस दौरान एसएसबी ने उसे पकड़ लिया और ककरहवा कस्टम को दे दिया। आरोपित के मुताबिक उसके दो भाई गोरखा रेजीमेंट भारत में पोस्ट है। एक भाई मुकुंद प्रसाद पौडेल लद्दाख तो दूसरा भाई दिनेश पौडेल 3/5 गोरखा राइफल नौशेरा कश्मीर में तैनात है। इन्ही दोनों भाइयों की सैलरी हर महीने अकाउंट में आती है। दोनों भाइयों का परिवार घर पर ही रहता है। दोनों भाइयों के खातों का तीन एटीएम विष्णु के पास है।

भारतीय सेना को दिये दो बेटे, बदले में मिली जलालत

विष्णु की मां डील माया पौडेल घटना से आहत हैं। उनका कहना है कि उन्होंने अपने दो बेटों को भारतीय सेना में दिया है और उसके बदले जलालत मिली है। उन्होंने कहा कि उनके बेटे जान पर खेल कर भारत की सुरक्षा करते हैं और यहां उनके खून पसीने की कमाई पर भी मनमानी रवैया अपनाया जा रहा है। यहां उनके साथ जो व्यवहार किया गया, वह बहुत ही गलत है। पिता जीवराज पौडेल ने कहा कि उनके पुत्र भी भी भारत माता के हैं। और उनका रुपया भी भारत का है। हमने सब कुछ भारत को दे दिया है। अब यहां के लोग जो करेंगे, उसे सहर्ष स्वीकार किया जाएगा।

मामले की गंभीरता को देखते हुए रुपये व बाइक को कस्टम में जमा कर लिया गया है। मामले की जांच प्रक्रिया जारी है। जांच के बाद जो सच्चाई सामने आएगी, उसी हिसाब से आगे की कार्रवाई की जायेगी।

विमल यादव

कस्टम इंस्पेक्टर

मानवीय दृष्टिकोण से यह गलत है, पर नियम तो सभी के लिए बराबर है। यहां से 25 हजार रुपये से अधिक की धनराशि नेपाल नहीं ले जाई जा सकती। विष्णु न जाने कहां से रुपये एक्सचेंज कराये। वह उसका नियमानुसार ब्यौरा नहीं दे सके। इसके अलावा एसएसबी ने अपनी तरफ से कुछ नहीं किया। एसएसबी को उनका तरीका अवैध लगा तो उन्हें पकड़कर कस्टम के सुपुर्द कर दिया। यदि मामला सही है तो कस्टम द्वारा कार्रवाई क्यों हो रही है। स्पष्ट है कि कहीं न कहीं गलती हुई है। विष्णु के भाई भारतीय सेना में हैं। उनका फोन आया था, पर रुपये इस तरह से नेपाल नहीं ले जाया जा सकता है।

सौजन्य से: जागरण

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