चालू वित्त वर्ष में निर्यात 310 अरब डालर

नई दिल्ली : वैश्विक बाजार में वस्तुओं की मांग कमजोर बने रहने से चालू वित्त वर्ष के दौरान देश का निर्यात कारोबार पिछले साल के 310 अरब डालर के आंकड़े आसपास ही रह सकता है। वाणिज्य एवं उद्योग मंडल एसोचैम की आकलन रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। एसोचैम के दस्तावेज में कहा गया है, ‘‘वैसे तो जुलाई 2014 से ही निर्यात में गिरावट का रुख बना हुआ है लेकिन इस साल जनवरी से अप्रैल तक इसमें लगातार गिरावट रही है। वास्तव में होता यह है कि वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही काफी अच्छी रहती है और पिछली तिमाहियों की कमी को पूरा करती है। लेकिन इस बार पिछली तिमाही में स्थिति कुछ अलग रही है। वर्ष 2014-15 की आखिरी तिमाही और नये वित्त वर्ष 2015-16 के पहले माह में स्थिति अलग रही है।’’import

रिपोर्ट के अनुसार देश से होने वाले निर्यात में अर्जित मूल्य के लिहाज से इंजीनियरिंग उत्पादों, रत्न एवं आभूषण और पेट्रोलियम उत्पादों का समूचे निर्यात कारोबारमें सबसे अधिक योगदान रहा है। पिछले वित्त वर्ष में जहां इंजीनियरिंग उत्पादों में मामूली वृद्धि दर्ज की गई वहीं अन्य दो वर्गों में तीव्र गिरावट दर्ज की गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि कम से कम रत्न एवं आभूषणों के निर्यात में तो यह रझान जारी रहने की संभावना है जबकि पेट्रोलियम क्षेत्र में स्थिति में कुछ स्थिरता बने रहने की उम्मीद है। क्योंकि कच्चे तेल के दाम में अब ज्यादा गिरावट नहीं देखी जा रही है इसलिये पेट्रोलियम निर्यात स्थिर रह सकता है क्योंकि इसका निर्यात कच्चे तेल के मूल्य पर काफी कुछ निर्भर है।

एसोचैम दस्तावेज के अनुसार इस साल पहली तिमाही में अमेरिका में वृद्धि के लिहाज से मजबूत नहीं दिखाई देता है। वर्ष 2015 की पहली तिमाही में उसकी अर्थव्यवस्था में गिरावट रही है। मजबूत डालर की वजह से अमेरिका का निर्यात भी प्रभावित हुआ है। यूरो क्षेत्र में पहली तिमाही में हालांकि स्थिति कुछ बेहतर रही है लेकिन इसमें अनिश्चितता दिखी है। उभरते बाजारों के मामले में स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी रही है और चीन इसमें प्रमुख चिंता बना हुआ है।

एसोचैम के महासचिव डी.एस. रावत के अनुसार, ‘‘कुल मिलाकर व्यापार विश्वास संकुचित हुआ है, और इससे सरकार पर यही दबाव बनता है कि उसे व्यापार करने को सुगम बनाने के मामले में तेजी से आगे बढ़ना चाहिये और भारतीय व्यापार की लागत को कम करना चाहिये।’’ दस्तावेज में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान दूसरी तिमाही तक हर महीने औसतन 22 से 25 अरब डालर का निर्यात होने की उम्मीद है। उसके बाद हालांकि स्थिति कुछ सुधरने की उम्मीद है लेकिन वृद्धि काफी सीमित रहने की आशंका है। हालांकि, इसमें राहत की बात यह है कि निर्यात कारोबार पूर्वस्तर पर रहने अथवा उसमें कुछ कमी आने का व्यापार संतुलन पर कोई बड़ा प्रभाव पड़ने की आशंका नहीं है क्योंकि इस दौरान आयात भी कम रहने का अनुमान है। इस दौरान देश के घरेलू बाजार में भी खपत की स्थिति कमजोर रहने का अनुमान है। वर्ष के दौरान आयात का आंकड़ा भी 440 से 450 अरब डालर के दायरे में रहने का अनुमान है जो कि पिछले साल के ईद गिर्द ही रहेगा।

You are Visitor Number:- web site traffic statistics