निर्माणाधीन मकानों पर जीएसटी दर 12 से घटाकर 5 प्रतिशत करने की तैयारियों को घर खरीदारों के लिए तोहफा बताया जा रहा है

Image result for gstग्रेटर नोएडा : निर्माणाधीन मकानों पर जीएसटी दर 12 से घटाकर 5 प्रतिशत करने की तैयारियों को घर खरीदारों के लिए तोहफा बताया जा रहा है, लेकिन एक्सपर्ट इसे घाटे का सौदा कह रहे हैं। बिल्डरों का कहना है कि इससे कीमतें घटने के बजाय बढ़ सकती हैं। हालांकि महंगे फ्लैट्स में इससे फायदा होगा। इसका कारण ये है कि बिल्डरों को इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलेगा, जिसके कारण वे अपने बायर्स को छूट नहीं दे सकेंगे।

जीएसटी परिषद की जनवरी में होने वाली 32वीं बैठक में निर्माणाधीन मकानों पर जीएसटी की दरें 12 से घटाकर 5 प्रतिशत करने समेत कई प्रस्ताव लाए जाने हैं। निराला वर्ल्ड के सीएमडी सुरेश गर्ग कहते हैं कि दरें तो कम कर रहे हैं, लेकिन बिल्डर का इनपुट क्रेडिट खत्म कर रहे हैं। इससे कीमतें बढ़ेंगी। उनके अनुसार निर्माण के दौरान सरिया, सीमेंट, ईंट और अन्य मटीरियल पर औसतन 18 प्रतिशत टैक्स आता है। इसका बिल्डर को इनपुट क्रेडिट मिलता है। इस कारण बिल्डर अपने बायर्स के जीएसटी की कीमतें कम करके अप्रत्यक्ष तौर पर खुद वहन कर लेते हैं। इसके कारण फ्लैट की कॉस्ट नहीं बढ़ती है। लिहाजा बिल्डर अपने बायर्स को जीएसटी फ्री का ऑफर देते हैं। इनपुट क्रेडिट खत्म होने के कारण बायर्स पर 5 प्रतिशत का भार पड़ेगा। लिहाजा फ्लैट की कीमत बढ़ जाएगी।

ऐसे समझें गणित

3 हजार रुपये प्रति वर्ग फीट की दर से बायर्स को फ्लैट बेचने पर 12 प्रतिशत जीएसटी का मतलब है 360 रुपये प्रति वर्ग फीट।

इस पर बिल्डर की निर्माण लागत करीब 2000 रुपये प्रति वर्ग मीटर आती है। औसत 18 प्रतिशत जीएसटी के हिसाब से टैक्स 360 रुपये प्रति वर्ग मीटर होगा। बिल्डर को इनपुट टैक्स क्रेडिट के जरिए ये पैसा मिल जाएगा। लिहाजा वे बायर्स को जीएसटी फ्री का ऑफर दे पाते हैं।

अब ऐसा होगा हिसाब

अब बिल्डर को इनपुट क्रेडिट नहीं मिलेगा। लिहाजा वे बायर्स को जीएसटी फ्री या कीमत कम करने का ऑफर नहीं दे सकेंगे। ऐसे में 3 हजार रुपये प्रति वर्ग फीट की दर से बायर्स को फ्लैट बेचने पर 5 प्रतिशत जीएसटी का मतलब 150 रुपये। इस तरह बायर्स को 3150 रुपये प्रति वर्ग मीटर का रेट चुकाना होगा। यानि घर खरीदना महंगा हो जाएगा।

हाई वेल्यू में घटेगी दर

महंगी कीमत वाले लग्जरी फ्लैट्स खरीदने वालों को इसका असल फायदा मिलेगा। मुंबई व अन्य पॉश इलाकों में अगर कीमत 40 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर है। इस पर 12 प्रतिशत जीएसटी यानि 4800 रुपये प्रति वर्ग मीटर होगा। एक्सपर्ट के अनुसार इन लग्जरी फ्लैट में भी लागत करीब 5 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर आती है। बिल्डर इसका 18 प्रतिशत औसत जीएसटी मतलब 900 रुपये प्रति वर्ग मीटर चुकाएगा। इनपुट क्रेडिट का लाभ बायर को देने पर 4800 में से 900 घटाने के बाद 3900 रुपये प्रति वर्ग मीटर की जीएसटी बैठता है। इस तरह जीएसटी के साथ मिलकर कीमत 43900 रुपये प्रति वर्ग मीटर तक हो जाती है। अब 40 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगने से 2 हजार रुपये अतिरिक्त यानि 42 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर पर फ्लैट मिल जाएगा। ऐसे में यह सस्ता हो जाएगा।

पहली नजर में जीएसटी 12 से घटाकर 5 प्रतिशत करना काफी अच्छा दिखता है, लेकिन साथ ही में इनपुट क्रेडिट पर रोक लगाई जा रही है। इनपुट क्रेडिट का बायर्स को फायदा मिल जाता था। अब ये निर्माण की लागत में जुड़ जाएंगे। इससे हर हाल में फ्लैट महंगे हो जाएंगे। उधर, कंप्लीशन होने पर अभी जीएसटी नहीं लगती है। अब आगे क्या नियम बनेगा, यह स्पष्ट नहीं है।

– अमित मोदी, एमडी एबीए कॉर्प एवं क्रेडाई वेस्ट यूपी के उपाध्यक्ष

बिल्डर की ओर से निर्माण सामग्री पर दिए गए करों को इनपुट टैक्स क्रेडिट के तहत वापस दिया जाता है। बिल्डर जितना माल खरीदते हैं, उस पर सरकार को जीएसटी की पेमेंट करते हैं। लिहाजा उन्हें इनपुट क्रेडिट मिलता है। इसका फायदा वह बायर्स को देते हैं। इनपुट क्रेडिट के बंद होने की अटकलें चल रही हैं, लेकिन इनमें दम नही है।

– सतीश तोमर, सीए, ग्रेटर नोएडा

source by NBT

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