दुनिया में सबसे ज्यादा किस जानवर की तस्करी होती है?

Image result for जानवर का नाम है पैगोंलिनइस जानवर का नाम है पैगोंलिन। पश्चिमी देशों में बहुत से लोग इसके बारे में नहीं जानते थे। लेकिन अब वहां ज्यादातर लोग इसके बारे में जानते हैं। क्योंकि ये जानवरों की तस्करी के लाखों डॉलर के अवैध धंधे में शामिल हो गया है। पैंगोलिन की बड़े पैमाने पर तस्करी की जा रही है। लेकिन कुछ इसके चाहने वाले हैं जो इसे बचाना चाहते हैं।

पैंगोलिन एक चींटीखोर जानवर है, जो इस धरती पर स्तनधारी और रेप्टाइल यानी सांप-छिपकली जैसे जानवरों के बीच की कड़ी है।
पैंगोलिन एशिया और अफ्रीका के कई देशों में पाए जाते हैं। इसके ऊपर ब्लेडनुमा प्लेट्स की परत होती है। इसकी चमड़ी पर लगी ये प्लेट्स बेहद मजबूत होती हैं। ये इतनी मजबूत होती है कि अगर शेर चीता भी इस पर अपने दांत गड़ा दे तो भी इस पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
इससे किसी को नुकसान नहीं पहुंच सकता। क्योंकि ये खुद बहुत शमीर्ले मिजाज का होता है। ये ज्यादातर अपने बिल में रहते हैं या फिर खोखले हो चुके पेड़ों को अपनी पनाहगाह बनाते हैं। और रात के वक्त ही खाने की तलाश में बिल से बाहर निकलते हैं।
यही वजह है कि इनके बचाने की मुहिम में जुटे लोग भी पैंगोलिन को कम ही देख पाते हैं। लेकिन शिकारियों की नजर से ये खुद को नहीं बचा पाते। वो इसके पैरों के निशान का पीछा करते हुए इसके बिल तक पहुंच जाते हैं।
आज सारी दुनिया में पैंगोलिन की तस्करी की जा रही है। खास तौर से चीन और वियतनाम में दवाएं बनाने और मांस के लिए इनकी बहुत मांग है।
चीन और वियतनाम के कई रेस्टोरेंट में पहले जिंदा पैंगोलिन की मेहमानों की टेबल पर नुमाइश की जाती है। फिर उन्हीं के सामने इसे काटा जाता है, ताकि इसके गोश्त के ताजा होने का यकीन दिलाया जा सके।
जानकारों का कहना है कि पिछले दस सालों में करीब दस लाख पैंगोलिन की तस्करी पूरी दुनिया में हो चुकी है।
ताजा आंकड़ों के मुताबिक ये दुनिया का सबसे ज्यादा तस्करी किया जाना वाला जानवर बन चुका है।
वैसे भी इस प्रजाति की संख्या काफी कम हो चुकी है और मांग में लगातार इजाफा हो रहा है। अगर इसी तरह तस्करी होती रही तो वो दिन दूर नहीं जब ये जानवर धरती से लुप्त हो जाएगा। पर्यावरण पर इसका क्या असर होगा कहना मुश्किल है। पैंगोलिन चींटिया खाते हैं। एक अंदाजे के मुताबिक एक पैंगोलिन साल में करीब सात करोड़ चींटियां खा लेता है। वो चींटियां जो फसलों के लिए नुकसानदेह हो सकती हैं। साथ ही हाथी, दरयाई घोड़े, और शेरों के लिए भी बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकती हैं।

सौजन्य से : दैनिक भास्कर

 

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