लाखो के कम्प्यूटर और फर्नीचर जला, आग लगी या लगाई गई?
नई दिल्ली : दिल्ली आईसीडी तुगलकाबाद गंद के ढेर के पास बना एशिया का सबसे बड़ा ड्राई-पोर्ट भ्रष्टाचार का अड्ड़ा। जहां कमिश्नर साम-दाम-दण्ड- भेद से आते है। यहां का हर अफसर अपरोच तथा पैसे के बल पर अपनी पोस्टिंग पाता है। कस्टम कानूनों की जम कर धज्जियां उड़ाई जाती है। हर पल गलत काम करने वाले यहां अपना धंधा चलाते है। माल चोरी से लेकर और कितने ही ऐसे गलत काम दिन-रात यहां चलते है। हर साल कुछ न कुछ ऐसा होता है जब यह सुखियों में आता है। पूरे देश की डीआरआई यहां नजर रखती है फिर भी स्मगलर अपना काम धड़ल्ले से करते रहते है, कारण है अफसरों का सहयोग। पैसा फैंको तमाशा देखो भाड़ में गई आत्मा की आवाज, भाड़ में गया संतों का लेक्चर और मोदी का भ्रष्टाचार मिटाओ का नारा। यहां तो एक ही नारा है पैसे दो काम कराओ। कितने स्मगलरों को करोड़ोंपति बना चुका है यह पोर्ट और कितने ही इस प्रोसेस में है। आग भी यहां लगती रहती है। कभी इम्पोर्ट में, कभी एक्सपोर्ट में और अब कस्टम विभाग में जहां पर कस्टम की सारी फाईलें तथा रिकार्ड पड़ा है। होली वाले दिन आग लगी 7 बजे सड़कें खाली थी फायर बिग्रेड की गाडि़यों समय पर पहुंच गई। सूत्रों की माने तो फायर बिग्रेड समय पर न आती तो नजारा कुछ और ही होता आधा घंटा लेट हो जाती तो शराफत अली के कारनामों की सारी फाइलें तथा रिकार्ड जल जाता कई जरुरी फाईलें जल जाती। मगर भगवान को अभी कुछ और ही मंजूर था कुछ खास नहीं जला।