टैक्स डिफॉल्टर्स पर सरकार होगी सख्त सुविधायें होगी खत्म

नई दिल्ली : जानबूझकर आयकर न चुकाने वाले लोग और कंपनियां किसी भी तरह की अचल संपत्ति नहीं खरीद सकेंगे। न ही ऐसे टैक्स डिफॉल्टरों को बैंकों से लोन मिलेगा। इतना ही नहीं अगर किसी टैक्स डिफॉल्टर को रसोई गैस की तरह किसी भी प्रकार की सरकारी सब्सिडी मिल रही है, तो वह भी बंद हो जाएगी। इसके अलावा आयकर अधिकारी ऐसे टैक्स डिफॉल्टरों के बैंक लेनदेन का लेखा-जोखा भी खंगालेंगे ताकि उनसे टैक्स वसूला जा सके।
सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग ने कार्ययोजना 2016-17 तैयार की है, जिसमें जानबूझकर टैक्स न चुकाने वालों के पैन कार्ड (परमानेंट एकाउंट नंबर) को ब्लॉक करने का प्रावधान किया गया है। ऐसा होने पर टैक्स डिफॉल्टर अपने बिजनेस का घाटा दिखाने के लिए आयकर कानून की धारा 139 (1) के तहत रिटर्न दाखिल नहीं कर पाएंगे। इसके बाद विभाग ब्लॉक किए गए पैन कार्ड की सूची सिबिल तथा बैंकों को भेज देगा ताकि डिफॉल्टरों को न तो बैंक लोन मंजूर हो सके और न ही उन्हें ओवरड्राफ्ट की सुविधा मिल पाए।
सूत्रों ने कहा कि नई दिल्ली में दो दिन चले ‘राजस्व ज्ञानसंगम’ में भी इस कार्ययोजना पर आयकर विभाग के शीर्ष अधिकारियों ने चर्चा भी की। प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी ने इसी ‘राजस्व ज्ञानसंगम’ को संबोधित किया था।
सूत्रों ने कहा कि जिन डिफॉल्टरों के पैन कार्ड ब्लॉक किए जाएंगे उन्हें एलपीजी जैसी कोई सरकारी सब्सिडी भी नहीं मिलेगी। इसके अलावा यह ऐसे डिफॉल्टर्स और ब्लॉक किए गए उनके पैन नंबर के साथ देशभर में संपत्ति रजिस्ट्रार के कार्यालय भेज दी जाएगी ताकि ऐसे लोगों के नाम कोई अचल संपत्ति के पंजीकरण की अनुमति नहीं दी जा सके। जैसे कोई भी डिफॉल्टर अचल संपत्ति कराने रजिस्ट्रार कार्यालय पहुंचेगा तो उसकी सूचना तुरंत आयकर अधिकारियों के पास चली जाएगी जिससे विभाग उनसे टैक्स वसूल कर सकेगा।
सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड इस संबंध में सिबिल के साथ करार भी करेगा जिससे टैक्स डिफॉल्टरों के बैंकिंग लेनदेन की पूरी जानकारी आयकर विभाग को मिल सके।
ऐसा होने पर टैक्स डिफॉल्टरों पर नकेल कसी जा सकेगी। आयकर विभाग इससे पहले डिफॉल्टरों की सूची वेबसाइट और अखबारों के जरिये सार्वजनिक भी कर चुका है।
सौजन्य से : दैनिक जागरण

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