जीएसटी से ज्यादा पैसा सीए को देते हैं दिल्ली के व्यापारी

Image result for gstनई दिल्ली. वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू हुए दो साल हो गए, लेकिन व्यापारियों के बीच जीएसटी एक जटिल प्रक्रिया बनी हुई है। उनका कहना है कि जीएसटी को सरल बनाने की आवश्यकता है और तभी वे आसानी से जीएसटी रिटर्न फाइल कर सकेंगे। दिल्ली के व्यापारियों ने जीएसटी के बारे में मनी भास्कर से विस्तृत बातें कीं।

‘जीएसटी के प्रावधानों को और सरल बनाया जाए’

जनपथ मार्केट के प्रधान माता प्रसाद शर्मा ने बताते हैं ‘लोन सस्ता हो ताकि हर कोई बिना परेशानी के व्यापार कर सके। जीएसटी के प्रावधानों को और सरल बनाया जाए, जिससे व्यापारियों को सहूलियत मिले। इसके अलावा हम चाहते हैं सरकार और व्यापारियों में पूरी तरह पारदर्शिता बनी रही, इसके लिए सरकार व्यापारियों के लिए एक साॅफ्टवेयर बना दें जहां हमारे काम का पूरा लेखा-जोखा मिलें।’

जनपथ के कपड़ा व्यापारी चंदन कुमार बताते हैं ‘जीएसटी सरल होना चाहिए। जीएसटी को लेकर अब भी काफी कंफ्यूजन है, जिसमें हम उलझे हैं।’ वे कहते हैं ‘जितना पैसा हमारा जीएसटी में नहीं कटता उससे अधिक हम सीए को दे देते हैं, इसलिए इस प्रक्रिया को बेहद सरल करना चाहिए।’

जनपथ मार्केट में कई साल से व्यापार कर रहे अशोक प्रसाद बताते हैं ‘ व्यापारियों को इनकम टैक्स कम से कम 20 फीसदी कम होनी चाहिए और सिंगल टैक्स की घोषणा की उम्मीद है। ‘

बैंक ट्रांसजेक्शन टैक्स भी कम होना चाहिए

द बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के सदस्य योगेश कुमार चैनी (Y.K.) ने बताया ‘हम यह भी चाहते हैं कि 5 जुलाई को पेश होने वाले बजट में टैक्स दर 20 फीसदी तक कम हो, वहीं बैंक ट्रांसजेक्शन टैक्स भी कम होना चाहिए। इसके अलावा गोल्ड पर कस्टम ड्यूटी कम हो।’ किराना कमिटी दिल्ली, खारी बावली के प्रेसिडेंट विजय गुप्ता (बंटी) बताते हैं ‘बजट में व्यापारियों को पीओएस मशीनें सब्सिडाइज्ड कीमत पर मिल जाए और किराना व्यापार में कम से कम टैक्स लगाया जाए ऐसी उन्हें उम्मीद है।’

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