जीएसटी से उपभोक्ताओं को कैसे मिला फायदा?

नई दिल्ली। वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) लागू के बाद आवश्यक वस्तुओं पर अप्रत्यक्ष कर में काफी कमी आई है जोकि देश की मीडिल क्लास आबादी के लिहाज से काफी फायदेमंद है। साबुन, टूथपेस्ट, तेल, रेजर, शैम्पू और डिओडरेंट जैसे आवश्यक सामानों पर अप्रत्यक्ष कर 26 प्रतिशत (उत्पाद + वैट) से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। इसी प्रकार फुटवियर पर 50 फीसदी की कटौती की गई है और अप्रत्यक्ष कर 10 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है।

एमओएसपीआई कंजंप्शन बास्केट द्वारा दिए गए आंकड़े के मुताबिक, मसालों पर अप्रत्यक्ष कर 6 से 5 फीसदी, इडली डोसा पर 12 फीसदी, रोटी पर 12-5 फीसदी और मिनरल वाटर पर 27-18 से भी कम हुआ है। अब परिवार के साथ जाकर बाहर खाना भी शहरी क्षेत्रों में मध्यम वर्ग के लिए अब लग्जरी नहीं रह गया है। वास्तव में, जीएसटी दरों को अंतिम रूप देने के बाद से लगभग 33 प्रतिशत वस्तु और सेवाओं की दरों में कमी आई है। हालांकि इससे उम्मीद है कि भविष्य में अधिक राजस्व बढ़ेगा।यहां तक कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 27 जुलाई को लिखे ब्लॉग में कहा था, ‘अगर सभी कैटेगरी में कटौती पर नजर डालें तो पिछले एक साल में 384 वस्तुओं पर टैक्स में कमी देखी गई है। इतने व्यापक स्तर पर आजादी के बाद वस्तुओं पर टैक्स में कमी की कभी नहीं गई। कम दर और अधिक राजस्व मुश्किल है।’

How GST benefited the consumers

त्यौहार के समय में रेफ्रिजरेटर, फ्रीजर, वाशिंग मशीन, वैक्यूम क्लीनर और छोटे साइज की टीवी पर दरों 10% की कमी इन उत्पादों की कीमतों को कम कर सकती है खासकर उस समय जब इनकी मांग में आमतौर पर अप्रत्याशित तेजी देखी जाती है।

जीएसटी 5 स्लैब में बंटा है। 0 फीसदी, 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी। हालांकि पेट्रोलियम उत्पादों, अल्कोहल, इलेक्ट्रिसिटी जीएसटी के दायरे में नहीं आते हैं। इनपर राज्य सरकारें अलग-अलग टैक्स निर्धारित करती हैं। वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) सामान और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाए जाने वाला टैक्स है। जीएसटी उत्पादन प्रक्रिया के हर पड़ाव पर लगाया जाता है।

सौजन्य से: वन इंडिया

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