जीएसटी: सीबीईसी को मिलेंगे ज्यादा अधिकार

Image result for सीबीईसीनई दिल्ली। सरकार गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) रेजीम में टैक्स चोरी का पता लगाने के लिए जिम्मेदार बॉडी को ज्यादा मजबूत बनाने जा रही है। इसके साथ ही दो नई एजेंसियां भी बनाई जाएंगी, जिसमें एक बिजनेस इंटेलिजेंस और एनालिटिक्स के लिए होगी।

जीएसटी में एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स और स्टेट वैट को शामिल किया जाएगा। इसके लिए सेंट्रल बोर्ड आॅफ एक्साइज एंड कस्टम्स (सीबीईसी) ने अपने मौजूदा तंत्र को जीएसटी के हिसाब से तैयार करने के लिए बदल दिया है। दरअसल जीएसटी के लागू होने पर सीबीईसी का नाम बदलकर इसे सीबीआईसी कर दिया जाएगा। जीएसटी को बेहतर तरीके से लागू करने की जिम्मेदारी इसी बॉडी की होगी। इसके साथ ही यह सरकार को जीएसटी व कस्टम्स एक्टिविटीज को लेकर फीडबैक भी देगी।
सीबीआईसी का नेतृत्व एक चेयरमैन करेंगे। इनके अलावा इस बॉडी के 6 मेंबर होंगे। ये मेंबर्स जीएसटी, आईटी, कानूनी और अनुपालन, इन्वेस्टिगेशन, टैक्स पॉलिसी, कस्टम्स एंड एडमिनिस्ट्रेशन और निगरानी का काम देखेंगे। जोनल हेड्स को सीबीईसी की तरफ से लेटर भेजा गया है। इसमें बताया गया है कि मौजूदा डायरेक्टरेट जनरल आॅफ सेंट्रल एक्साइज इंटेलिजेंस (डीजीसीईआई) का नाम बदलक डायरेक्टरेट जनरल आॅफ जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीएसटीआई) कर दिया जाएगा। लेटर में कहा गया है कि नए नाम के साथ ही बॉडी को ज्यादा पावर्स भी मिलेंगी।

डीजीएसटीआई के टास्क होंगे कम
लेटर में बताया गया है
कि डीजीएसटीआई के टास्क कम किए जाएंगे, क्योंकि अब उसके पास जीएसटी की जिम्मेदारी आएगा। इसके तहत काफी बड़ा टैक्सपेयर बेस होना ही वजह मानी जा रही है। इस बॉडी के प्रमुख प्रिंसिपल डायरेक्टर होंगे। दिल्ली में प्रमुख को चार उप-राष्ट्रीय डायरेक्टर जनरल उन्हें मदद सहयोग करने के लिए मौजूद रहेंगे।
दो नए डायरेक्टरेट्स पोस्ट क्रिएट की जा रही हैं। इसमें डायरेक्टरेट जनरल आॅफ एनालिटिक्स एंड रिस्क मैनेजमेंट (डीजीएआरएम) की पोस्ट होंगी। ये दोनों डायरेक्टरेट बिजनेस इंटेलिजेंस व एनालिटिक्स और रिस्क मैनेजमेंट सेंटर व पॉलिसी फॉर्मेशन का काम संभालेंगे।
डब्लूटीओ के मामलों को देखेगी ये एजेंसी
वहीं, दूसरी डायरेक्टरेट आॅफ इंटरनेशनल कस्टम्स भी बनाई जाएगी। यह डीटीओ संबंधी मामलों को
मॉनिटर करेगी। इसमें टैरिफ और क्योटो कनवेंशन समेत अन्य देशों के साथ होने वाले बायलैटरल एग्रीमेंट्स को रेग्युलेट करने के साथ ही उन्घ्हें मॉनिटर करेगा। मौजूदा नेशनल एकेडमी आॅफ कस्टम्स, एक्साइज और नारकोटिक्स (एनएसीईएन) का नाम बदलकर नेशनल एकेडमी आॅफ कस्टम्स, इंडायरेक्ट टैक्सेज और
नारकोटिक्स (एनसीआईएन) कर
दिया जाएगा।

सौजन्य से : दैनिक भास्कर

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