दिल्ली: तेजी से कदम बढ़ाते हुए कर विभाग ने जीएसटी रिटर्न व रिफंड पर नियमों और उनके प्रारूप के दो और मसौदे जारी किए हैं। ये कहते हैं कि करदाता के लिए मासिक रिटर्न भरना अनिवार्य होगा। इनमें करों, ब्याज व शुल्कों के रिफंड के दावे के तरीकों का भी जिक्र किया गया है।
हितधारकों के पास इन मसौदा नियमों पर राय देने के लिए बुधवार तक का समय है। जीएसटी काउंसिल की 30 सितंबर को होने वाली दूसरी बैठक में इनके सहित अन्य नियमों को अंतिम रूप दिया जाएगा। केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने सोमवार को रजिस्ट्रेशन, एनवॉयस और भुगतान से जुड़े मसौदा नियम जारी किए थे।
आजादी के बाद सबसे बड़े कर सुधार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को सरकार अगले साल एक अप्रैल से लागू करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। रिफंड के नियमों के तहत प्रत्येक पंजीकृत करदाता को एक तय फॉर्म (जीएसटीआर-3) में मासिक रिटर्न दाखिल करना होगा।
प्रत्येक पंजीकृत करदाता के लिए इलेक्ट्रॉनिक रूप से सालाना रिटर्न दाखिल करने का भी प्रावधान है। कराधान के दायरे में आने वाले हर उस शख्स को वार्षिक रिटर्न दाखिल करना होगा जिसका टर्नओवर वित्त वर्ष के दौरान एक करोड़ रुपये से ज्यादा है।
सौजन्य से : नई दुनिया