जीएसटी भवन की फायर एनओसी पर बीएमसी मौन

भायखला के मझगांव इलाके में स्थित जीएसटी भवन में लगी आग के 24 घंटे बाद कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं। जीएसटी भवन को फायर एनओसी मिली है या नहींए इसकी जानकारी मुंबई फायर ब्रिगेड चीफ प्रभात रहांगदले को भी नहीं है। रहांगदले ने कहा कि यह इमारत उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आती हैए इसलिए उन्हें इसकी जानकारी नहीं है कि इमारत को फायर ब्रिगेड की एनओसी मिली है या नहीं। इसकी जांच रिपोर्ट अगले दो दिनों में पेश कर दी जाएगी।

मंगलवार को स्थायी समिति की बैठक में सभी दलों के नगरसेवकों ने बीएमसी प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। नगरसेवकों ने कहा कि शहर में आग की घटनाओं पर ब्रेक लगना चाहिए। इससे करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान हो रहा है। लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है। नगरसेवकों ने इस पर नाराजगी जताई कि जीएसटी भवन में आग लगने के बाद उपमुख्यमंत्री अजित पवार घटनास्थल पर पहुंच गएए लेकिन बीएमसी प्रशासन सोता रहा। सपा नगरसेवक रईस शेख ने जीएसटी भवन में अवैध निर्माण का भी मुद्दा उठाया। रहांगदले ने बताया कि पिछले 5 सालों में फायर ब्रिगेड ने 4500 इमारतों की जांच कीए 20 पानी के कनेक्शन काटेए छापा मार कर 11000 अवैध सिलेंडर जब्त किए। मुंबई में 34 फायर स्टेशन हैंए जबकि 60 से 70 होने चाहिए। साथ ही 16 मिनी फायर स्टेशन बनाने की जरूरत है। अडिशनल कमिश्नर पीण् बेलारासू ने कहा कि महानगर की आबादी के हिसाब से फायर ब्रिगेड स्टेशन में उपकरण और जवानों की संख्या कम है। इसके बावजूद मुंबई फायर ब्रिगेड दक्षिण एशिया का सबसे आधुनिक और बेहतरीन फायर ब्रिगेड स्टेशन है।

जिम्मेदारी तय होनी चाहिए

भाजपा के प्रभाकर शिंदे ने आरोप लगाया कि फायर ब्रिगेड की लापरवाही के कारण कई बार बड़े पैमाने पर धनजन की हानि होती है। मुंबई में ऐसी इमारतों का सर्वे अब तक नहीं हुआ कि कौन फायर के लिए सेफ है और कौन नहीं। फायर ब्रिगेड इसकी जिम्मेदारी दूसरों पर डाल देता है। इसीलिए लोगों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।

बाकी समय क्या करता है फायर ब्रिगेडघ्

नेता विपक्ष रवि राजा ने कहा कि किसी भी बिल्डिंग को एनओसी लेना जरूरी है। जीएसटी बिल्डिंग के साथ क्या हुआ हैए इसका खुलासा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कमला मिल में आग लगीए तब कई अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई। कुछ के खिलाफ कार्रवाई भी हुईए लेकिन क्या यह पर्याप्त है। जब आग लगती है तब प्रशासन जागता है और बाकी समय सोया रहता है। फायर ब्रिगेड को मिली निधि में से सिर्फ 9ण्1 प्रतिशत ही खर्च की गई है।

श्सभी सरकारी इमारतों का हो फायर सर्वेश्

स्थायी समिति अध्यक्ष यशवंत जाधव ने कहा कि फायर ब्रिगेड को मुंबई की सभी सरकारी इमारतों का फायर सर्वे करना चाहिए। इससे आग की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके। ओल्ड कस्टम हाउस का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वहां काफी पुराने कागजात रखे हैं। ऐसी घटनाओं से काफी नुकसान हो सकता है। इसलिए फायर ब्रिगेड को सचेत होना होगा। जाधव ने कहा कि जब विभाग को निधि खर्च करने के लिए मिलती है तो क्यों नहीं खर्च होती। इसकी जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

 

सौजन्य से: नवभारत टाईम्स

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