नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने पर करदाताओं के दोहरे नियंत्रण के मुद्दे पर रायों के साथ आम राय से निर्णय लेने की कोशिश कर रही है। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार एक अप्रैल 2017 से जीएसटी लागू करने को प्रतिबद्ध है। आर्थिक संपादकों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार जीएसटी एक अप्रैल 2017 से लागू करने के लिए सभी प्रयास कर रही है। जीएसटी 16 सितंबर 2017 तक लागू होना है। अगर तब तक यह लागू नहीं हुआ तो राय अपने हिस्से के टैक्स नहीं वसूल पाएंगे। इसलिए अधिक विलंब करने की गुंजाइश नहीं है। जेटली ने कहा कि जीएसटी काउंसिल में सभी निर्णय आम राय से हो रहे हैं और अब तक 10 महत्वपूर्ण मुद्दों पर निर्णय हो चुके हैं। अब सिर्फ करदाताओं पर दोहरे नियंत्रण का मुद्दा है और उम्मीद है कि इस पर भी आम राय से निर्णय हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 24 और 25 नवंबर को होने वाली बैठक में दोहरे नियंत्रण के मुद्दे पर फैसला होने की संभावना है। पिछले हफ्ते इस मुद्दे पर जीएसटी काउंसिल की बैठक में कोई निर्णय नहीं हो सका था। वैसे काउंसिल जीएसटी की प्रस्तावित दरें – 5, 12, 18 और 26 तय कर चुकी है। इसके अलावा पान मसाला, तंबाकू उत्पाद, लक्जरी गाड़ियों और शीतल पेय पर अतिरिक्त सेस लगाने पर भी काउंसिल में सहमति बनी है। इस बीच रायों के वित्त मंत्री दोहरे नियंत्रण के मुद्दे पर अनौपचारिक रूप से राजनीतिक सहमति बनाने को 20 नवंबर को बैठक कर रहे हैं। जेटली ने कहा कि चूंकि जीएसटी काउंसिल एक संघीय निर्णयकारी प्रक्रिया है इसलिए इसके शुरुआती वर्षो में जिस तरह निर्णय होंगे, आगे चलकर यह नजीर बन जाएगा। इसलिए प्रयास किया जाए कि अधिकाधिक फैसले मतदान से नहीं, आम राय से हों। हम हर मुद्दे पर विचार कर रहे हैं और अगर निर्णय नहीं हो रहा है तो उस पर पुन: विचार कर रहे हैं ताकि फैसले आम राय से हो सकें। जीएसटी संविधान संशोधन कानून 17 सितंबर 2016 को प्रभाव में आया। इसलिए यह जरूरी है कि अगले साल 16 सितंबर से पहले जीएसटी लागू हो जाए। अगर जीएसटी इस अवधि में लागू नहीं होता है तो राय वैट तथा केंद्र सेवा कर उत्पाद शुल्क जैसे परोक्ष कर नहीं वसूल पाएंगे।
सौजन्य से : दैनिक जागरण