जीएसटी के प्रश्नों के समाधान के लिए टोल फ्री नंबर का फायदा उठाएं व्यापारी : गुप्ता

भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा राजस्थान सरकार के वित्त और वाणिज्यिक कर विभाग तथा लघु उद्योग परिषद कोटा के सहयोग से जीएसटी, ई-वे बिल, जॉब वर्क इत्यादि पर कोटा में आधे दिन का इंटरेक्टिव सेशन आयोजित किया गया। राजस्थान सरकार के सचिव-वित्त प्रवीण गुप्ता ने जीएसटी के लाभों के बारे में बताते हुए कहा कि हम आर्थिक परिवर्तन के चरण में हैं और राजकोषीय सुधार के लिए उपाय किए गए हैं। उच्च विकास दर हासिल करने के लिए पारदर्शी और स्वच्छ अर्थव्यवस्था जरूरी है और इसके लिए जीएसटी व ई वे बिल इस दिशा में सरकार द्वारा उठाए गए कदम हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी भारतीय आर्थिक सुधारों के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ है।

ई-वे बिल सिस्टम की स्वीकृति के बारे में कहा कि बड़ी संख्या में अब ई-वे बिल जारी हो रहे हैं जो वास्तव में एक अच्छा संकेत है और हित धारकों से समर्थन देखने में प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने कहा कि इंट्रा-स्टेट ई-वे बिल सिस्टम भी पेश किया गया है। ई-वे बिल व्यापारियों के लिए उपयोगी और साथ ही पारदर्शी साबित होगा। हम उन समाधानों पर काम कर रहे हैं जो सुझावों और प्रति क्रियाओं से प्राप्त हुए हैं। सीआईआई राजस्थान राज्य कार्यालय के निदेशक और प्रमुख नितिन गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार ने जीएसटी पर प्रश्नों के समाधान के लिए एक जीएसटी क्वरी आईडी और टोल फ्री नंबर शुरू कर दिया है। ईमेल आईडी प्रभावी रूप से काम कर रही है और नियमित रूप से वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इसका जवाब दिया जा रहा है। उद्योग को इस हेल्पलाइन और टोल फ्री नंबर का उपयोग करना चाहिए। लघु उद्योग काउंसिल कोटा के अध्यक्ष एलसी बाहेती ने कहा कि जीएसटी दशकों में भारत का सबसे महत्वपूर्ण कर सुधार है। सीआईआई राजस्थान स्टेट काउंसिल सदस्य वीनू मेहता ने कहा कि यह उन सभी लोगों के लिए एक अवसर था जो प्रक्रियात्मक आवश्यकताओं को समझने और उनके प्रश्नों के समाधान चाहते हैं। कलेक्टर गौरव गोयल, आईआरएस तथा ओएसडी फायनेंस एमएस मीनाल भोसले सहित वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी उपस्थित रहे।

जीएसटी से डरंे नहीं

राजस्थान सरकार में वाणिज्यिक कर आयुक्त आलोक गुप्ता ने कहा कि 1991 के आर्थिक सुधारों के बाद, जीएसटी देश में सबसे बड़ा सुधार है। उन्होंने यह भी कहा कि उद्योगपति, व्यापारियों और सेवा प्रदाताओं को जीएसटी से डरने की आवश्यकता नहीं है। जब अर्थव्यवस्था का रूप बदलता है तब कर संरचना भी बदल जाती है। यह जीएसटी करों की बहुतायता के बजाय कर का एक रूप सुनिश्चित करेगा।

सिटी रिपोर्टर | कोटा

भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा राजस्थान सरकार के वित्त और वाणिज्यिक कर विभाग तथा लघु उद्योग परिषद कोटा के सहयोग से जीएसटी, ई-वे बिल, जॉब वर्क इत्यादि पर कोटा में आधे दिन का इंटरेक्टिव सेशन आयोजित किया गया। राजस्थान सरकार के सचिव-वित्त प्रवीण गुप्ता ने जीएसटी के लाभों के बारे में बताते हुए कहा कि हम आर्थिक परिवर्तन के चरण में हैं और राजकोषीय सुधार के लिए उपाय किए गए हैं। उच्च विकास दर हासिल करने के लिए पारदर्शी और स्वच्छ अर्थव्यवस्था जरूरी है और इसके लिए जीएसटी व ई वे बिल इस दिशा में सरकार द्वारा उठाए गए कदम हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी भारतीय आर्थिक सुधारों के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ है।

ई-वे बिल सिस्टम की स्वीकृति के बारे में कहा कि बड़ी संख्या में अब ई-वे बिल जारी हो रहे हैं जो वास्तव में एक अच्छा संकेत है और हित धारकों से समर्थन देखने में प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने कहा कि इंट्रा-स्टेट ई-वे बिल सिस्टम भी पेश किया गया है। ई-वे बिल व्यापारियों के लिए उपयोगी और साथ ही पारदर्शी साबित होगा। हम उन समाधानों पर काम कर रहे हैं जो सुझावों और प्रति क्रियाओं से प्राप्त हुए हैं। सीआईआई राजस्थान राज्य कार्यालय के निदेशक और प्रमुख नितिन गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार ने जीएसटी पर प्रश्नों के समाधान के लिए एक जीएसटी क्वरी आईडी और टोल फ्री नंबर शुरू कर दिया है। ईमेल आईडी प्रभावी रूप से काम कर रही है और नियमित रूप से वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इसका जवाब दिया जा रहा है। उद्योग को इस हेल्पलाइन और टोल फ्री नंबर का उपयोग करना चाहिए। लघु उद्योग काउंसिल कोटा के अध्यक्ष एलसी बाहेती ने कहा कि जीएसटी दशकों में भारत का सबसे महत्वपूर्ण कर सुधार है। सीआईआई राजस्थान स्टेट काउंसिल सदस्य वीनू मेहता ने कहा कि यह उन सभी लोगों के लिए एक अवसर था जो प्रक्रियात्मक आवश्यकताओं को समझने और उनके प्रश्नों के समाधान चाहते हैं। कलेक्टर गौरव गोयल, आईआरएस तथा ओएसडी फायनेंस एमएस मीनाल भोसले सहित वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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एक्सपर्ट ने बताए फायदे

पूर्व आईआरएस, दिल्ली के एथेना लॉ एसोसिएट्स के प्रबंध भागीदार, अग्रणी कर वकील और जीएसटी विशेषज्ञ प्रमोद कुमार राय ने ई-वे बिल के संबंध में विभिन्न यानी ई-वे बिल की आवश्यकता, लागू होना, जब इसकी आवश्यकता न हो, किलोमीटर नियम, नौकरी का काम सहित अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला। विशेषज्ञ ने यह भी साझा किया कि जीएसटी ने व्यवसाय की व्यावसायिक प्रक्रिया को सरल बना दिया है और ई-वे बिल कर सुधार की दिशा में एक उज्ज्वल कदम है।

सीआईआई राजस्थान स्टेट काउंसिल के अध्यक्ष राजेश साबू ने कहा कि जीएसटी टैक्सेशन की एक एकीकृत योजना है जो माल और सेवाओं के बीच अंतर नहीं करती है। यह प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार करेगा, भारतीय निर्यात को बढ़ावा देगा और निर्माताओं और निर्यातकों को बढ़ावा देगा।

सौजन्य से: दैनिक भास्कर

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