जीएसटी काउंसिल की बैठक में फैसला

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की पहली बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। जीएसटी काउंसिल की 35वीं बैठक के बाद राजस्व सचिव ने कहा कि जीएसटी रजिस्ट्रेशन को आसान बनाने के लिए आधार के जरिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन का फैसला लिया गया है। इसके अलावा जीएसटी एंटी-प्रॉफिटीयरिंग अथॉरिटी के कार्यकाल को भी 2 साल के लिए बढ़ा दिया गया है। इसके साथ ही जीएसटी दरों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को नहीं देने वाली कंपनियों पर 10 प्रतिशत तक जुर्माना लगाने की मंजूरी दी है।

राजस्व सचिव एबी पांडेय ने कहा कि जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी के तहत एनुअल रिटर्न फाइल करने की समयसीमा 2 महीने बढ़ाकर 30 अगस्त 2019 कर दिया है। नया जीएसटी रिटर्न फाइलिंग सिस्टम 1 जनवरी 2020 से लागू होगा। जीएसटी काउंसिल ने इलेक्ट्रॉनिक इनवाइसिंग सिस्टम और मल्टिप्लेक्स में ई-टिकटिंग को भी मंजूरी दे दी है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई वाली काउसिंल में सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हैं। काउंसिल ने मल्टीप्लेक्स में इलेक्ट्रॉनिक चालान (इनवॉइस) और ई- टिकटिंग को भी मंजूरी दे दी। पांडेय ने बताया कि बिजली चालित यानी इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी की दर को 12 से घटाकर 5 प्रतिशत और इलेक्ट्रिक चार्जर पर 18 से घटाकर 12 प्रतिशत करने का प्रस्ताव फिटमेंट समिति को भेजा गया है।

एंटी-प्रॉफिटीयरिंग अथॉरिटी (एनएनए) के कार्यकाल दो साल बढ़ाकर 30 नवंबर, 2021 कर दिया गया है। जीएसटी को एक जुलाई, 2017 को लागू किया गया था। उसके तत्काल बाद सरकार ने दो साल के लिए एनएए की स्थापना को मंजूरी दी थी। एनएए 30 नवंबर, 2017 को इसके चेयरमैन बी एन शर्मा के कार्यभार संभालने के बाद अस्तित्व में आया था। अभी तक एनएए विभिन्न मामलों में 67 आदेश पारित कर चुका है। उसके बाद भी आने वाली शिकायतों का सिलसिला अभी थमा नहीं है।

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