कारोबारियों को जीएसटी में बड़ी छूट देने के बाद सरकार अब ग्राहकों को भी इसका लाभ दिलाने की तैयारी में है। इसके तहत कंपोजिशन स्कीम में शामिल इकाईयों पर ग्राहकों से अपनी सेवा या उत्पाद पर जीएसटी लेने से रोक लगाई जाएगी। ऐसी इकाईयों को अपने बिल पर जीएसटी पंजीकरण की स्थिति दर्शाना अनिवार्य किया जाएगा।
वित्त मंत्रालय के अधीन काम करने वाला राजस्व विभाग जल्द ही इस बाबत फैसला लेगा। मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि अभी कंपोजिशन स्कीम का लाभ लेने वाले कारोबारी या इकाईयां अपने ग्राहकों से सेवा या उत्पाद पर जीएसटी वसूलते हैं, लेकिन इसे सरकारी खजाने में जमा नहीं किया जाता है। तेजी से बढ़ते ऐसे मामलों पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाना जरूरी है।
राजस्व विभाग इस बारे में ग्राहकों को जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाएगा। उन्हें ये बताया जाएगा कि कंपोजिशन योजना का लाभ लेने वाले कारोबारियों को जीएसटी वसूलने का अधिकार नहीं है। कंपोजिशन योजना के तहत कारोबारियों और इकाईयों को 1 फीसदी जीएसटी का एकमुश्त भुगतान करना होता है, जबकि उत्पाद पर जीएसटी की दरें 5,12 या 18 फीसदी हैं।
बताना होगा कंपोजिशन में हैं या नहीं
केंद्रीय अप्रत्यक्ष एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) की ओर से तैयार मसौदे के मुताबिक, हर कारोबारी को अपनी रसीद पर यह बताना अनिवार्य होगा कि वह कंपोजिशन योजना का लाभ ले रहा है या नहीं और उन्हें जीएसटी लेने का अधिकार नहीं है। इसी तरह, ग्राहकों को भी यह जानकारी दी जाएगी कि अगर वे कंपोजिशन योजना वाले डीलर से सामान या सेवा ले रहे हैं तो उन्हें जीएसटी चुकाने की जरूरत नहीं है।