गोल्ड एक्सपोर्टर्स के लिए सरकार की नई योजना

कोलकाता :  केंद्र सरकार गोल्ड इंपोर्ट के लिए लॉन्ग टर्म  स्ट्रैटेजी बनाने की तैयारी में है। यह रणनीति करेंट एकाउंट और ट्रेड डेफिसिट को संतुलन में रखते हुए ज्वैलरी एक्सपोर्टर्स की जरूरतों को पूरा करने के इरादे से बनाई जाएगी। कॉमर्स सेक्रेटरी राजीव खेर ने इस मसले पर चर्चा के लिए फाइनेंस मिनिस्ट्री, जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) और रिजर्व बैंक के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई है।
गोल्ड इंडस्ट्री से जुड़े एक सीनियर एग्जिक्यूटिव ने नाम जाहिर नहीं किए जाने की शर्त पर बताया, ‘सरकार ऐसा रास्ता तलाशने की कोशिश कर रही है, जिससे एक्सपोर्टर्स को गोल्ड आसानी से मिल सके और ट्रेड डेफिसिट को भी काबू में रखा जा सके। यह उसी दिशा में उठाया गया कदम है। सरकार ‘मेक इन इंडिया’ प्लान पर भी काम कर रही है, जिस पर भी चर्चा हो सकती है।’
पिछले साल नवंबर में गोल्ड इंपोर्ट बढ़कर 151.58 टन (वैल्यूएशन 5.61 अरब डॉलर) पर पहुंच गया था, जिससे देश का ट्रेड डेफिसिट 18 महीने के हाई पर चला गया। यह डेफिसिट बढ़कर 16.86 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जबकि एक साल पहले यह 9.57 अरब डॉलर था।
कुछ ट्रेडर्स के मुताबिक, सरकार डोमेस्टिक सप्लाई में बेतरतीब बढ़ोतरी को कंट्रोल करने और एक्सपोर्टर्स को गोल्ड की सप्लाई सुनिश्चित करने का संकेत दे सकती है। एक बड़े एक्सपोर्टर ने नाम जाहिर नहीं किए जाने की शर्त पर बताया, ’80:20 नियम को खत्म करने के बाद सप्लाई साइड की बाधाएं खत्म हो चुकी हैं। इस नियम से इंपोर्टर्स के हाथ बंधे हुए थे। अगर ट्रेडर्स बड़ी मात्रा में गोल्ड का इंपोर्ट शुरू करते हैं, तो एक बार फिर इसका असर ट्रेड डेफिसिट पर पड़ेगा। लिहाजा, हम गोल्ड इंपोर्ट पर एक तरह के कोटा सिस्टम की उम्मीद कर रहे हैं।’
एक्सपोर्टर्स गोल्ड पर इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती की मांग कर सकते हैं, जो फिलहाल 10 फीसदी है। गोल्ड और सिल्वर पर इंपोर्ट ड्यूटी में बढ़ोतरी से ट्रांजैक्शन कॉस्ट बढ़ गई है। बैंक गारंटी में बढ़ोतरी से ऐसा हुआ है। गोल्ड की सप्लाई हासिल करने के लिए एक्सपोर्टर्स को बैंक गारंटी बढ़ानी पड़ती है। इससे एक्सपोर्ट की बड़ी पूंजी ब्लॉक हो जाती है। पिछले दो साल में बैंक गारंटी हासिल करने के लिए रकम 10 गुना बढ़ गई है। दरअसल, इस दौरान गोल्ड पर इंपोर्ट ड्यूटी 250 रुपये प्रति 10 ग्राम से गोल्ड की कीमत का 10 फीसदी हो गई है।
गोल्ड एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के चेयरमैन विपुल शाह ने बताया, ‘हमने कस्टम से ड्यूटी फ्री गोल्ड हासिल करने के लिए बैंक गारंटी के बजाय एक्सपोर्टर्स को लीगल अंडरटेकिंग की इजाजत देने का अनुरोध किया है। ड्यूटी में खामियों को दुरुस्त किए जाने की जरूरत है, ताकि एक्सपोर्टर्स को देश में उपलब्ध गोल्ड और सिल्वर के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
स्रोत : इकनॉमिक टाइम्स 
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