केरल के सभी जिलों से ऑरेंज अलर्ट हटाया गया, बाढ़ प्रभावितों के लिए रसद लेकर जहाज रवाना

सदी की सबसे बड़ी त्रासदी का सामना कर रहे केरल में बाढ़ की वजह से मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है. हालांकि मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भारी बारिश से राहत का दावा जरूर किया है. लेकिन आपदा के इस दौर से केरल में जान-माल का जो नुकसान हुआ है, उससे केरल और वहां के रहने वालों का जीवन पटरी पर लौटने पर काफी समय लग सकता है.

मौसम विभाग द्वारा जारी ताजा अपडेट के अनुसार केरल के सभी जिलों को ऑरेंज एलर्ट हटा लिया गया है. जबकि इडुक्की, कोजीकोड, कन्नूर में येलो एलर्ट जारी है. मौसम विभाग के मुताबिक केरल में इस मानसून में सामान्य से 42 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है. वहीं सर्वाधिक प्रभावित जिले इडुक्की में सामान्य से 92 फीसदी ज्यादा और पलक्कड में समान्य से 72 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है.

केरल के बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया जा रहा है.

तटरक्षक दल ने भेजी राहत सामग्री

केरल की इस त्रासदी में पूरा देश केरल के साथ खड़ा है. सेना, नेवी, एयरफोर्स और एनडीआरएफ के जवान लगातार केरलवासियों को इस तबाही से बाहर निकालने के मिशन में जी जान से जुटे हैं. वहीं भारतीय तट रक्षक बल का एक पोत मुंबई से केरल के बाढ़ पीड़ितों के लिए 65 टन राहत सामग्री लेकर रवाना हुआ है. तट रक्षक बल के पश्चिमी क्षेत्र के प्रवक्ता ने बताया कि संकल्प नाम के पोत से विभिन्न गैर सरकारी संगठनों और महाराष्ट्र सरकार की ओर से भी राहत सामग्री भेजी गई है. जिसके सोमवार सुबह कोच्चि बंदरगाह पहुंचने की संभावना है.

इसी के साथ भारतीय तट रक्षक बल का एक और पोत 50 टन राहतक सामग्री के साथ न्यू मंगलुरु बंदरगाह से भी कोच्चि के लिए रवाना हुआ है. साथ ही तट रक्षक की 36 बचाव टीमें 38 रबड़ नौकाओं और 21 मशीनीकृत नौकाएं भी बचाव अभियान में जुटी हैं, जिससे अब तक 3000 बाढ़ पीड़ितों को बचाया जा चुका है.

बता दें कि भारतीय नौ सेना के टैंकर आईएनएस दीपक द्वारा भेजी गई राहत सामग्री जिनमें पीने का पानी, भोजन और दवाईयां शामिल हैं, मुंबई से कोच्ची रविवार शाम पहुंच चुका है.

रेलवे भी बचाव कार्य में जुटा

केरल मे लगभग 6 लाख बाढ़पीड़ित राहत शिविरों में रह रहे हैं. दक्षिण पूर्व रेलवे ने बाढ़ प्रभावित एर्नाकुलम में फंसे लोगों को निकाल कर संत्रगाजी/हावड़ा लाने के लिए दो विशेष ट्रेन रवाना की है. राज्य परिवहन विभाग द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल सरकार के आग्रह पर दक्षिण पूर्व रेलवे दो विशेष ट्रेन रवाना करेगी. बाढ़ की वजह से परिवहन सेवा बुरी तरह प्रभावित होने से केरल में पश्चिम बंगाल के कई पर्यटक और वहां काम करने वाले अन्य लोग फंस गये हैं.

कई राज्यों  के तरफ से आई मदद

जम्मू कश्मीर के राज्यपाल ने बाढ़ से तबाह हुए केरल में राहत कार्यों के लिए दो करोड़ रुपये की सहायता देने का करते हुए राज्य में आई तबाही और नुकसान को लेकर हमदर्दी जताई है. इससे पहले बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, ओडीशा, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना, मध्यप्रदेश और गुजरात सरकार की तरफ से भी राहत के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा की जा चुकी है.

रोजमर्रा के चीजों की कीमतें बढ़ी

केरल में आई भयानक बाढ़ से पैदा हुई त्रासदी से राशन और सब्जियों की भारी किल्लत हो गई है, जिसके कारण कीमतों में काफी इजाफा हो गया है.  कोच्चि और उसके आसपास के इलाकों में हरी मिर्च 400 रुपये किलो तक बिकने की खबर है, वहीं प्याज, टमाटर और बंदगोभी का भाव 90 रुपये प्रति किलो हो गया. साथ ही चावल और चीनी के खुदरा मूल्य में  भी 15 रुपये प्रति किलो का इजाफा हो गया. रोजमर्रा की चीजों की कीमतें बढ़ने की वजह से दुकानदारों को जनता के भारी विरोध का सामना करना पड़ा. जिसके बाद प्रशासनिक हस्तक्षेप की वजह से दामों में कुछ कमी आई है. लेकिन ट्रांसपोर्ट व्यवस्था की वजह से आपूर्ती में आई कमी के कारण कीमतें अभी सामान्य से ज्यादा है.

बता दें कि केरल में आई बाढ़ से मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के मुताबिक शनिवार को 33 लोगों की मौत हो गई. इसी के साथ मृतकों की संख्या 357 हो गई है.

सौजन्य से: आज तक

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