कस्टम डिपार्टमेंट ने वैट विभाग को सौंपी 1,000 इम्पोर्टरों की लिस्ट

नई दिल्ली : दिल्ली में इम्पोर्ट पर होने वाली टैक्स चोरी को पकड़ने के लिए अब दिल्ली वैट विभाग और कस्टम विभाग मिलकर काम करेंगे। दोनों विभाग दिल्ली में बहार से आने वाले माल और इसका बिक्री डेटा एक दूसरे को मुहैया कराएँगे।custom duty वैट डिपार्टमेंट एक नए सॉफ्टवेर के जरिये कस्टम से जुड़े इम्पोर्ट डेटा को व्यापारियों की और से दाखिल किये गए सेल्स डेटा के साथ मैच करेगा। जिससे मंगाए गए माल की अवैध ट्रेडडिंग या वैट चोरी पकड़ में आ सकेगी। साथ ही वैट डिपार्टमेंट की और से दिए गए सेल्स डेटा से कस्टम को अंडर वैल्यूड इम्पोर्ट और ड्यूटी की चोरी पकड़ने में मदद मिलेगी।
सूत्रों के अनुसार कस्टम ने वैट विभाग को 1,000 इम्पोर्टर की लिस्ट दी है। जिन्होंने हालही में दुसरे देशों से माल मंगाया है। ख़ास सॉफ्टवेयर में मैच करके पता लगाया जायेगा कि कितना आल यहाँ बिका और कितना दूसरे राज्यों में गया और कितने पर वाजिब टैक्स मिला। ऐसे इम्पोटेर्स के तिमाही वैट रिटर्न के आंकड़े कस्टम के साथ शेयर किये जायेंगे। आधिकारिक अनुमान के मुताबिक बड़े पैमाने पर इम्पोर्ट माल की बिक्री पर वैट विभाग को वैट नहीं मिल रहा है। यहाँ से दूसरे राज्यों में जाने वाले माल पर सेंट्रल सेल्स टैक्स की भी चोरी हो रही है। आम और पर देखा गया है कि दूसरे देशो खासकर चीन से मंगाए गए माल पर एमआरपी नाममात्र की रखी जाती है। जबकि बाजारों में वह एमआरपी से कई गुना ज्यादा मूल्य पर बेचा जाता है। कस्टम डिपार्टमेंट ऐसे माल के बिक्री के आंकड़ों के जरिये चुकाई गई ड्यूटी की छानबीन करेगा।

You are Visitor Number:- web site traffic statistics