जीएसटी के पहले के 5 सौ करोड़ के टैक्स का सेटलमेंट होगा, पेनाल्टी भी नहीं लगेगी

केंद्र सरकार की वन टाइम सेटलमेंट स्कीम के तहत राज्यभर के 10 हजार से ज्यादा कारोबारियों ने 500 करोड़ के सेटलमेंट के लिए आवेदन दे दिया है। इस स्कीम के तहत आवेदन करने वाले लोगों को पेनाल्टी और ब्याज की रकम नहीं देनी होगी। इसमें व्यापारियों को बड़ी राहत देने के लिए बड़ी छूट दी जएगी। उनके टैक्स की रकम भी 75 फीसदी तक कम हो जाएगी। शुरुआत में इस योजना में कारोबारियों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई थी, लेकिन बाद में राज्यभर से इसके लिए आवेदन आए। सेंट्रल जीएसटी के अफसरों ने इन आवेदनों की स्क्रूटनी भी शुरू कर दी है। ऐसे सभी व्यापारियों को टैक्स की अदायगी के लिए नए डिमांड नोट जारी किए जाएंगे।

इधर दूसरी ओर जीएसटी को और सरल बनाने के लिए सेंट्रल जीएसटी ने राज्य के कई प्रमुख व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारियों की एक समिति बनाई है। यह समिति जीएसटी को आसान करने के सुझाव देने के साथ ही कारोबारियों से भी सुझाव मांगकर उन्हें सेंट्रल जीएसटी अफसरों को सौंपेंगी। इस समिति में छत्तीसगढ़ मिनी स्टील प्लांट एसोसिएशन की महामंत्री मनीष धुप्पड़, उरला इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विन गर्ग, छत्तीसगढ़ चैंबर के उपाध्यक्ष भरत बजाज, फिक्की के स्टेट कोऑर्डिनेटर प्रतीक सिंग, सीए एसोसिएशन के महावीर जैन, सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल ऑफ आईसीएआई के सीपी भाटिया को शामिल किया गया है। इन सभी सदस्यों की समिति जल्द ही अपनी एक विशेष रिपोर्ट विभाग को देगी। वन टाइम सेटलमेंट योजना के तहत केंद्र सरकार इस तरह की सुविधा अब नहीं देगी। इसलिए रायपुर समेत राज्य में इस योजना का जमकर प्रचार-प्रचार किया गया। व्यापारियों को इसकी जानकारी देने कार्यशालाएं भी आयोजित की गई थी।

 

सौजन्य से: दैनिक भास्कर

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