नई दिल्ली : सीबीआई ने प्रवर्तन निदेशालय के संयुक्त निदेशक जे.पी. सिंह से पूछताछ की जिनके खिलाफ कथित रिश्वतखोरी का एक मामला दर्ज किये जाने के बाद उनके ठिकानों पर तलाशी ली गयी थी।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने गुजरात में कुछ कारोबारियों के इन आरोपों के मामले में एजेंसी से जांच करने को कहा था कि सिंह आईपीएल सट्टेबाजी से जुड़े एक मामले में जांच के दौरान रिश्वत की मांग कर रहे है। इसके बाद सीबीआई ने मामला दर्ज किया था। शुरुआत में पूछताछ के बाद संपूर्ण जांच के लिए मामला सीबीआई को सौंप दिया गया।
अधिकारिक सूत्रों ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय की अहमदाबाद शाखा में संयुक्त निदेशक के तौर पर कार्यरत सिंह को यहां सीबीआई मुख्यालय बुलाया गया और अधिकारियों ने उनके पूछताछ की। सिंह सीमाशुल्क और उत्पाद शुल्क प्रकोष्ठ के 2000 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी है। सिंह और ईडी के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ आईपीसी के तहत आपराधिक षड्यंत्रा और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सूत्रों के अनुसार ईडी की अहमदाबाद शाखा दो महत्वपूर्ण मामलों की जांच कर रही है। इनमें एक मामला 2000 करोड़ रुपये के आईपीएल सट्टेबाज स्कैंडल का और दूसरा कथित हवाला कारोबारी अफरोज फट्टा के खिलाफ 5000 करोड़ रुपये के धन शोधन मामले से जुड़ा है जिनमें संदिग्धों ने मामले कथित तौर पर राहत की मांग की थी।
सूत्रों ने कहा कि सीबीआई ने मामले दर्ज करने के बाद ईडी के अहमदाबाद कार्यालय में और सिंह तथा अतिरिक्त निदेशकों संजय कुमार व पी.एस. श्रीनिवास के घरों पर तलाशी ली थी। कुमार और श्रीनिवास अहमदाबाद में ईडी कैडर के अधिकारी है।
सीबीआई प्रवक्ता ने एक बयान में कहा था आरोप है कि प्रवर्तन निदेशालय के कुछ अधिकारियों ने सट्टेबाजी और इस तरह की गतिविधियों में धन शोधन से जुड़े मामलों की जांच करते हुए कथित मामलों में आरोपियों और संदिग्ध लोगों से बड़ी रिश्वत मांगी और स्वीकार की।
कस्टम अफसर हवाला के जरिये घूस ले रहे
नई दिल्ली – भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अफसर हवाला कारोबारियों के जरिये करोड़ों रुपये की रिश्वत लेते हैं। प्रवर्तन निदेशालय में तैनात आईआरएस अधिकारी जे.पी. सिंह के खिलाफ सीबीआई जांच में इसका खुलासा हुआ है। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक जेपी सिंह से मामले में एक बार पूछताछ की जा चुकी है। दो हवाला कारोबारियों के नाम भी सामने आए हैं। जेपी सिंह ने कथित रूप से आईपीएल क्रिकेट की सट्टेबाजी में करोड़ों रुपये की रिश्वत ली थी। इससे पहले आईआरएस अधिकारी भारती को भी रिश्वतखोरी में गिरफ्तार किया गया था। भारती पर भी हवाला कारोबारियों से संपर्क होने के आरोप लगे थे।
सूत्रों ने कहा कि सौ से अधिक आईआरएस अधिकारियों के खिलाफ रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति समेत अन्य धाराओं के तहत मामले दर्ज हैं। झंडेवालान में तैनात रह चुके आईआरएस अधिकारी योगेंद्र मित्तल ने स्टॉक गुरु घोटाले के आरोपी उल्हास प्रभाकर खेर से करोड़ों रुपये की रिश्वत ली थी। मित्तल अपने अन्य अफसरों के साथ भिवाड़ी के एक फ्लैट पर पहुंचे थे। वहां से करोड़ों की रकम मिली थी, जिसका कुछ हिस्सा उन्होंने अपने विभाग में जमा करा दिया था। बाकी रकम का पता नहीं चल सका।