कम रह सकता है जीएसटी संग्रह

नई दिल्लीः चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) का संग्रह 504 अरब रुपए रहा। इसके अलावा केंद्र सरकार को एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) से भी करीब 424 अरब रुपए मिले। तिमाही आधार पर कर संग्रह में 10 फीसदी वृद्घि के हिसाब से आकलन करें तो केंद्र को बजट लक्ष्य 6,039 अरब रुपए से करीब 517 अरब रुपए कम मिलेंगे। यह अनुमान इस पर आधारित है कि आईजीएसटी संग्रह को केंद्र और राज्यों के बीच बराबर-बराबर बांटा जाएगा।

राजस्व में इस संभावित कमी का 2018-19 के लिए केंद्र के राजकोषीय लक्ष्य पर प्रभाव पड़ सकता है जिसे सरकार ने 6,242 अरब रुपए पर रहने का अनुमान लगाया है। इस संभावित कमी का अनुमान जून में वित्त सचिव हसमुख अढिया द्वारा केंद्रीय कर अधिकारियों को भेजे एक पत्र में जताई गई आशंका को देखते हुए व्यक्त किया गया है। इस पत्र में अढिया ने राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) के तहत दाखिल रिटर्न की तुलना में सीजीएसटी के तहत दाखिल रिटर्न की कम संख्या को लेकर चिंता जताई थी।
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517 अरब रुपए की कमी का यह अनुमान सकल सीजीएसटी और आईजीएसटी, रिफंड और आईजीएसटी पूल से विवरण समेत विभिन्न आंकड़ों पर आधारित है। तिमाही आधार पर राजस्व में 10 प्रतिशत की वृद्घि के अनुमान को ध्यान में रखते हुए केंद्र का सकल सीजीएसटी संग्रह वित्त वर्ष 2019 के लिए 2,337 अरब रुपए बैठता है जबकि आईजीएसटी संग्रह 6,869 अरब रुपए पर अनुमानित है।

वर्ष के अंत में अनसेटल्ड आईजीएसटी के तौर पर 500 अरब रुपए की रकम बनाए रखने की सरकार की योजना के तहत शेष 6,369 अरब रुपए की रकम केंद्र और राज्यों के बीच समान रूप से विभाजित होगी और केंद्र को अन्य 3,184.5 अरब रुपए हासिल होंगे। इससे वित्त वर्ष 2019 के अंत में केंद्र का कुल संग्रह रिफंड को छोड़कर 6,039 अरब रुपए के लक्ष्य की तुलना में 5,522 अरब रुपए रहेगा।

 सौजन्य से: पंजाब केसरी 

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