नई दिल्ली : सीबीआई ने आयकर विभाग के उपायुक्त को डेढ़ लाख रुपये रिश्वत लेते और रिश्वत देने वाले वकील को गिरफ्तार किया है। उपायुक्त एम लोकापाथे इन दिनों यह आईटीओ सीआर बिल्डिंग दिल्ली में तैनात हैं। सूत्रों का कहना है कि मैसर्स सीबीएस स्टील प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक विकास सिंघला ने आयकर छूट से जुड़े एक मामले में अपने वकील हितेश कुमार को आईटीओ ऑफिस भेजा था। वकील ने उपायुक्त एम लोकापाथे से इस मामले में अनुचित तरीके से मदद करने के लिए कहा। इसके लिए अधिकारी तैयार हो गए, लेकिन इसके एवज में उन्होंने मोटी रिश्वत की मांग की। बाद में उनके बीच समझौता हुआ और रिश्वत की पहली किश्त डेढ़ लाख रुपये वकील हितेश कुमार ने उन्हें देने के लिए कहा। सूत्रों का कहना है कि बुधवार शाम को जब वकील रिश्वत की रकम आईआरएस अधिकारी को दी तो उसी दौरान सीबीआई अधिकारियों ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। इस सिलसिले में दिल्ली सहित 12 स्थानों पर छापेमारी भी की गई है।
पांच करोड़ की बेनामी सम्पति भी मिली
सीबीआई की गिरफ्त में आए आयकर विभाग के उपायुक्त एम.लोगापति की पांच करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति का खुलासा हुआ है। उनसे पूछताछ में यह पता चला है कि वह आयकर से जुड़े मसले को हल करने के एवज में एक प्रतिशत कमीशन रिश्वत के तौर पर लेते थे। सूत्रों का कहना है कि हाल ही के कुछ माह में उपायुक्त लोगापति ने करीब एक दर्जन से अधिक कंपनियों से मोटी रकम रिश्वत में ली है। उनकी संपति के दस्तावेज जो कि लगभग पांच करोड़ रुपये मूल्य की बताई जा रही हैं, जो उनके रिश्वत सिंडीकेट की कहानी का खुलासा करते हैं।सूत्रों का कहना है कि उपायुक्त के आवास से बरामद हुए सम्पति दस्तावेजों से पता चला है कि उन्होंने दक्षिण दिल्ली के ग्रीनपार्क में करीब दो करोड़ रुपये का फ्लैट, मध्य दिल्ली के करोलबाग में दो दुकानें जिनका मूल्य करोड़ों रुपये हैं। इसके अलावा चेन्नई में एक मकान और पुदुचेरी में करोड़ों रुपये की संपत्ति अजिर्त की है।
स्रोत : हिंदुस्तान