इंपोर्टर-एक्सपोर्टर अपने माल की खुद कर सकेंगे निगरानी

Image result for cargo shipsचिप से होगी पूरे रास्ते कंटेनरों की निगरानी

नई दिल्ली : वर्ल्ड बैंक की इजी आॅफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स की टॉप 50 रैंकिंग में प्रवेश के लिए कस्टम विभाग ने पोर्ट से कंटेनर्स की शीघ्र निकासी के लिए (तुरंत कस्टम्स) लॉन्च किया है। इससे अब एक्सपोर्ट के दौरान कस्टम विभाग की ओर से की जाने वाली कागजी कार्रवाई आसान हो जाएगी साथ ही यहां से रवाना होने वाले कंटेनर्स को अंतिम छोर तक ट्रैक भी किया जा सकेगा।
वर्ल्ड बैंक की इजी आॅफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स में भारत की 2018 में 146वीं रैंकिंग थीए जो 2019 में 80 तक पहुंच गई है। इस रैंकिंग में एक साल में सुधार केंद्रीय सरकार द्वारा ई-स्टोरेज प्रोग्रामों को बढ़ावा देने की वजह से आया। वहीं तुरंत कस्टम्स के तहत मुख्य रूप से सिंगल विंडो इंटरफेस फॉर फेसिलिटिंग ट्रेड, ई-संचित, डायरेक्ट पोर्ट डिलीवरी व आरएफआईडी ई-सिलिंग व्यवस्थाओं को प्रभावी किया गया है। कस्टम्स की इस पहल से न केवल निर्यातकों का समय बचेगा बल्कि उत्पाद की लागत भी कम होगी। वहीं आयात करने वालों के लिए तुरंत कस्टम के तहत एक बड़ा बदलाव इंडियन कस्टम इलेक्ट्रॉनिक डाटा इंटरचेंज सिस्टम द्वारा किया गया है। इसके तहत मूल्यांकन और शुल्क भुगतान के बाद आयातित माल बाहर निकाला जा सकेगा। गौरतलब है कि इससे पहले कस्टम द्वारा स्विफ्ट, ई-संचित, डायरेक्ट पोर्ट डिलीवरी, एईओ प्रोग्राम व आईएफआईडी सिलिंग इत्यादि ई-प्रोग्रामों के जरिए एक्सपोर्ट-इंपोर्ट को आसान बनाने का प्रयास किया जा चुका है।
ई-कार्गो सेवा शुरू वाहनों की आॅनलाइन निगरानी होगी वाहनों की आॅनलाइन निगरानी के लिए कस्टम विभाग ने ई-कार्गो सेवा शुरू की है। इस व्यवस्था में माल के आयात या निर्यात के लिए गोदाम पर माल का निरीक्षण कर कस्टम विभाग उसे सील कर देता है। अब यह नियम बना दिया गया है कि माल निर्यात करने से पहले कस्टम विभाग को इसकी सूचना देनी होगी। विभाग के अधिकारी गोदाम पर इसकी तौल आदि कराकर ई-सील कर देंगे। इसी सील में एक चिप लगी होगी जो गंतव्य तक पहुंचने तक माल की लोकेशन दिखाती रहेगी। कस्टम विभाग की वेबसाइट पर
अधिकारी सभी कार्यालयों पर इसे आॅनलाइन देख सकेंगे। कारोबारी भी अपने माल की आॅनलाइन निगरानी कर सकेंगे। माल लादकर निकलने वाले चालक को विभाग की ओर से एक स्मार्ट कार्ड दिया जाएगा बॉर्डर पर कुछ मिनट के लिए रुककर इससे पीओएस मशीन के जरिए एंट्री करानी होगी।
अब शुरू होगी ई-सिलिंग ड्राइवर तक का नाम कर सकेंगे ट्रैक आरएफआईडी कम्प्लाइंस चिप युक्त इलेक्ट्रॉनिक सिलिंग से कंटेनर की डिटेल ट्रैक करना आसान हो गया है। सिर्फ एक क्लिक करने से कंटेनर का शिपिंग बिल नंबर, दिनांक, कंटेनर नंबर, कंटेनर में माल की डिटेल डिस्पैच व अराइवल पोर्ट का नाम लोडिंग करने वाले ड्राइवर तक का नाम ट्रैक किया जा सकता है।
चिप से पूरे रास्ते होगी आयात-निर्यात माल की निगरानी अब एक छोटी सी चिप से आयात-निर्यात के माल की पूरे रास्ते निगरानी होगी। गाड़ियों को चैकिंग के नाम पर कहीं रोकना नहीं पड़ेगा और बॉर्डर स्थित कस्टम चौकी पर पीओएस मशीन से स्मार्ट कार्ड के जरिए गाड़ी की सैकंडों में आॅनलाइन एंट्री हो जाएगी। इससे बॉर्डर पर ट्रकों की लंबी लाइन से भी निजात मिलेगी।

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