नई दिल्ली : इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आइजीआइ) एयरपोर्ट पर मानव तस्करी का एक बड़ा मामला सामने आया है। दुबई जाने की जुगत में जुटी सात नेपाली महिला यात्रियों को सीआइएसएफ ने दबोचा लिया है। सभी अवैध दस्तावेज के सहारे दुबई जाने की फिराक में थीं। आरोपी महिलाओं को आईजीआई थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया है। मामले में पुलिस ने आरोपी महिलाओं के अलावा यात्रा में उनकी मदद करने वाले एयर इंडिया के दो कर्मियों को भी गिरफ्तार किया गया है।
सीआईएसएफ के प्रवक्ता हेमेंद्र सिंह ने बताया कि इंटेलीजेंस टीम के जवानों ने 20 जुलाई की देर रात टर्मिनल थ्री पर तीन संदिग्ध नेपाली महिला यात्रियों को देखकर उनसे पूछताछ की। इसमें पूजा तमांग, मालती राय और लक्ष्मी राय ने बताया कि वह काठमांडू से आई हैं। इस संबंध में जब उनसे कागजात मांगे गए तो वह कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सकीं। इसके बाद उनके आगमन की जानकारी के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए तो पता चला कि वे अहमदाबाद से एयर इंडिया की फ्लाइट से दिल्ली आई हैं। यहां से उन्हें 21 जुलाई को एयर इंडिया की अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट से दुबई जाना था। जांच में पता चला कि आरोपी यात्रियों को एयर इंडिया से दुबई के लिए बोर्डिग पास प्रदान किया जा चुका है, लेकिन उनके पास मौजूद पासपोर्ट और काठमांडू एयरपोर्ट पर लगी इमीग्रेशन स्टांप फर्जी हैं।
बाद में सीआईएसएफ के जवानों ने आरोपी महिला यात्रियों की निशानदेही पर 21 जुलाई को एयरपोर्ट के बोर्डिग गेट के पास से कृष्णा देवी, उमा भुजेल, शर्मिला थापा और शोभा कुमारी को भी गिरफ्तार कर लिया। जांच में उनके भी दस्तावेज फर्जी पाए गए। इसके बाद इसकी जानकारी इमीग्रेशन अधिकारियों को देकर सभी को आईजीआई थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया। उनके खिलाफ पुलिस ने मानव तस्करी और ठगी इत्यादि की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
उधर, जब इस संबंध में पुलिस ने जांच की तो इस फर्जीवाड़े में एयर इंडिया के मैनेजर कपिल और कस्टमर सर्विस एग्जिक्यूटिव मनीष की संलिप्तता पाई गई, जिसके बाद उनको भी गिरफ्तार कर लिया गया।
आईजीआई एयरपोर्ट के पुलिस उपायुक्त एमआई हैदर ने बताया कि महिलाओं को घरेलू कार्य के लिए दुबई भेज जा रहा था। पुलिस मानव तस्कर गिरोह से जुड़े लोगों की तलाश में लगी हुई है। इस मामले में बहुत जल्द और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
स्रोत : दैनिक जागरण