अब दिल्ली आईजीआई एयरपोर्ट पर भी लगेंगे फ्लैप गेट

नई दिल्ली : देश के सबसे संवेदनशील एयरपोर्ट आईजीआई पर जनवरी महीने में हुई चूक दोबारा न हो इसलिए कड़े फैसले लिए जा रहे है।
अब आईजीआई एयरपोर्ट पर भी मेट्रो स्टेशनों पर लगे फ्लैप गेटों जैसा तरीका इस्तेमाल में लाया जाएगा। यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि पिछले दिनों हैदराबाद का मोहम्मद अब्दुल्ला (25) इनवैलिड टिकट से एंट्री करके 10 दिनों तक टी-3 के अंदर घूमता रहा। ऐसे में यह एंट्री सिस्टम इस्तेमाल में लाया जा रहा है ताकि केवल वैलिड टिकट होने पर ही पैसेंजर एयरपोर्ट बिल्डिंग के अंदर जा सके। इसके लिए बोडिग गेट पास के अलावा हर एयर टिकटों पर भी बारकोडिंग करनी होगी।
एयरपोर्ट के एक अफसर ने बताया कि जनवरी में सुरक्षा में हुई लापरवाही को होम मिनिस्ट्री ने बड़ी गंभीरता से लेते हुए इस तरह के मामले रिपीट न होने का आदेश दिया था ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्यूरिटी (बीसीएएस) को भी एंट्री सिस्टम को और मजबूत करने का आदेश दिया गया था। अब इस मामले में बीसीएएस दिल्ली एयरपोर्ट समेत अन्य संवेदनशील एयरपोर्टस पर मेट्रो स्टेशनों के फ्लैप गेटों जैसे गेट लगाने की तैयारी कर रहा है।
इन गेटों पर बारकोड रीडर लगाए जाएंगे। जो कि टिकट और बोडिग पास के बारकोड को पढ़कर ही ओपन हांगी। अभी बोडिग गेट पास पर बारकोड होता है, लेकिन टिकटों के मामले में ऐसा नहीं है। फ्लैप गेटों के लिए दोनों के लिए बारकोडिंग जरुरी होगी।
इस तरह के गेट दो स्थानों पर लगाए जाएंगे। पहले टर्मिनल में प्रवेश करते वक्त एंट्री गंटों पर और दूसरे बोडिग पास जारी होने के बाद हवाई जहाज में बैठने से पहले सिक्यूरिटी होल्ड एरिया में चेक इन करते वक्त।
ऐसे में डबल सिक्यूरिटी लेयर होने से फर्जी टिकट पर एयरपोर्ट के अंदर किसी के भी प्रवेश करने की कोई गुंजाइश ही नहीं रहेगी। इसके अलावा डिपार्चर गेट पर सीआईएसएफ के जवानों को इस तरह से लगाया जाएगा कि अगर कोई शख्स किसी तरह से इनवैलिड टिकट पर टर्मिनल में प्रवेश कर भी जाता है तो वह बाहर आते वक्त पकड़ा जाए। टिकटों और बोडिग पास के बारकोड पढ़ने के लिए फ्लैप गेटों के सिस्टम को एयरलाइंस के पैसेंजर डेटा से कनेक्ट किया जाएगा।
ताकि अगर कोई शख्स अपना टिकट बनवाकर बाद में उसे कैंसल करा भी लेता है तो वह उस इनवैलिड टिकट से एयरपोर्ट बिल्डिंग में प्रवेश न कर सके। जैसे ही वह अपना टिकट कैंसल कराएगा वैसे ही उसका बारकोड भी कैंसल हो जाएगा।
इस तरह से फिर वह फ्लैप गेट को ओपन कराने की कोशिश करेगा तो उसे वहीं पकड़ लिया जाएगा।

सौजन्य से : नवभारत टाइम्स

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